भोपाल। कोरोना संक्रमण के चलते पिछले एक माह से जारी लॉकडाउन का असर गुरुवार को रिटायर हुए 2000 कर्मचारियों पर भी पड़ा है. इन कर्मचारियों को बिना पेंशन और ग्रेच्युटी के ही रिटायर किया गया. बताया जा रहा है कि लॉकडाउन की वजह से इन कर्मचारियों की पेंशन और ग्रेच्युटी का निर्धारण ही नहीं हो पाया है. वहीं 30 अप्रैल को रिटायर्ड हुए कर्मचारियों में से 800 को सरकार ने संविदा नियुक्ति दी है, ये सभी रिटायरमेंट के बाद कोरोना महामारी से निपटने में सहयोग दे रहे हैं.
लॉकडाउन का असर: बिना पेंशन और ग्रेच्युटी के रिटायर हुए 2000 कर्मचारी
कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते पिछले एक महीने से लॉकडाउन का असर हर क्षेत्र में देखने को मिल रहा है. जिसके चलते 30 अप्रैल को रिटायर हुए कर्मचारियों को होने वाले भुगतान का भी निर्धारण नहीं हो सका.
दरअसल प्रदेश सरकार ने पहले ही साफ कर दिया था कि 30 अप्रैल को रिटायर होने वाले शासकीय कर्मचारी जो कोविड-19 महामारी की रोकथाम से जुड़े विभागों में पदस्थ हैं, उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद अगले 3 महीने के लिए संविदा नियुक्ति दी जाएगी. इसमें लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग, आयुष विभाग, नगरीय प्रशासन, गृह विभाग, राजस्व विभाग शामिल हैं. इन विभागों के कर्मचारियों को छोड़कर करीब 2000 कर्मचारी गुरूवार को रिटायर हो गए. इनकी ना तो पेंशन का निर्धारण हो सका और ना ही ग्रेच्युटी मिली.
बता दें कि सेवानिवृत्ति के एक महीने पहले ही इनके भुगतान की प्रक्रिया शुरू हो जाती है.लेकिन लॉकडाउन के कारण इन कर्मचारियों की पेंशन और ग्रेच्युटी का निर्धारण नहीं हो सका है. पेंशन निर्धारण के पहले सरकारी कर्मचारियों की सीआर देखी जाती है. यदि इनके खिलाफ कोई विभागीय जांच लंबित होती है तो फिर कटौती का निर्णय लिया जाता है, लेकिन लॉकडाउन होने कि वजह से ये प्रक्रिया नहीं की जा सकी. माना जा रहा है कि इन सरकारी कर्मचारियों को अब जुलाई तक ही भुगतान हो सकेगा.