भोपाल। जानवरों हमदर्दी रखने वालों के बारे में तो कई बार सुना होगा. लेकिन ऐसी दीवानगी कम ही देखने को मिलती है. कुछ ऐसी ही कहानी है डॉग लवर नसरत और चित्रांशु की. जिन्होंने 4 लाख रुपए का लोन लेकर स्ट्रीट डॉग के लिए एक शेल्टर होम बना दिया है. शहर के एक कोने से दूसरे कोने तक अपनी बाइक से घायल या बीमार कुत्तों को उठाकर डॉक्टर से उनका इलाज करवाते हैं. इन दोनों दोस्तों के इस काम की वजह से लोग इन्हें स्ट्रीट डॉग की 108 बुलाते हैं.
बेटे के नेक काम को देख पिता ने खुलवाया शेल्टर होम
नसरत को डॉग लविंग की हॉबी विरासत मे मिली है. उनके पिता और दादा दोनों डॉग ट्रेनर थे. बचपन से ही कुत्तों से ही नसरत का खास लगावा रहा है. वहीं कम्प्यूटर साइंस इंजीनियर चित्रांशु के अंदर ये जुनून जागा तो उन्होंने अपने घर में ही 20 कुत्ते इकट्ठे कर लिए. चित्रांशु के पिता ने बेटे के इस काम को सराहा और 4 लाख रुपए का लोन दिलवाकर एक शेल्टर होम बनवा दिया. अब इस शेल्टर होम में 80 कुत्तों के रहने की व्यवस्था है.
200 स्ट्रीट डॉग को रोज खिलाते हैं खाना
नसरत और चित्रांशु स्ट्रीट डॉग को रोज खाना खिलाते हैं. इसके लिए उन्होंने शहर के पांच अलग-अलग इलाकों को चुन कर रखा है. जिन्हें वे फीडिंग प्वाइंट कहते हैं. इन पांचों जगहों पर कुल मिलाकर लगभग 200 कुत्ते खाना खाते हैं.