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भोपाल गैस त्रासदी मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई, दोषी अधिकारी गिड़गिड़ाए- सजा देने से पहले हमारी सुन लो - अवमानना के दोषी अफसर

Bhopal gas tragedy hearing HC : भोपाल गैस त्रासदी मामले में अवमानना के दोषी केंद्र व राज्य के बड़े अधिकारी मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के सामने गिड़गिड़ाए. इन्होंने आवेदन दिया कि सजा देने से पहले एक बार हमारी सुन ली जाए. कोर्ट ने 19 फरवरी को अगली सुनवाई रखी है.

MP high court Hearing of Bhopal gas tragedy
भोपाल गैस त्रासदी में हाई कोर्ट में सुनवाई, दोषी अधिकारी गिड़गिड़ाए

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 17, 2024, 7:16 PM IST

भोपाल गैस त्रासदी में हाई कोर्ट में सुनवाई, दोषी अधिकारी गिड़गिड़ाए

जबलपुर।भोपाल गैस त्रासदी के मामले में स्वास्थ्य और पुनर्वास को लेकर जिन अधिकारियों ने लापरवाही बरती, उनके खिलाफ हाई कोर्ट की अवमानना का केस चला और वह दोषी पाए गए. बुधवार को इन अधिकारियों के खिलाफ सजा तय होनी थी. लेकिन इससे पहले इन अधिकारियों ने सजा पर विचार करने के लिए आवेदन दिया. कोर्ट ने आवेदन स्वीकार करके इस मामले को अगली सुनवाई के लिए तिथि तय की है. बता दें कि साल 2012 में भोपाल गैस पीड़ितों के मामले में महिला उद्यमी संगठन ने एक जनहित याचिका दाखिल की थी.

आदेश के बाद भी हीलाहवाली :याचिका में इस बात पर चिंता जाहिर की गई थी कि भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ित और उनके परिजन अभी भी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भोग रहे हैं और उनके इलाज और पुनर्वास की पर्याप्त व्यवस्थाएं नहीं हो पा रही हैं. कोर्ट ने राज्य और केंद्र सरकार को आदेश दिया था कि भोपाल गैस पीड़ितों के स्वास्थ्य और पुनर्वास को लेकर व्यवस्था की जाए. इसके लिए एक मॉनिटरिंग कमेटी बनाई गई थी. जिसमें मध्य प्रदेश सरकार के इन अफसरों को हर 3 महीने में प्रोग्रेस रिपोर्ट कोर्ट में देनी थी. लेकिन लंबे समय तक भोपाल गैस त्रासदी के अस्पतालों में ही डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं हो पाई. सथ ही कोर्ट ने मॉनिटरिंग कर रहे अधिकारियों को दोषी माना कि कोर्ट के आदेश के बाद भी पुनर्वास और स्वास्थ्य की व्यवस्था नहीं की.

मुकदमा चलाने का आदेश :जबलपुर हाई कोर्ट ने अधिनियम 1971 की धारा 2 के तहत इन अफसरों पर मुकदमा चलाने का आदेश दिया था. बुधवार को इस मामले में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में सुनवाई हुई और अवमानना के दोषी अधिकारियों ने कोर्ट में आवेदन दिया कि उन्हें सजा सुनाने की पहले उनके आवेदन पर विचार किया जाए. कोर्ट ने इन अधिकारियों के आवेदन देखने के बाद 19 फरवरी को इस मामले की अगली सुनवाई रखी. जिसमें इन अधिकारियों के खिलाफ सजा तय की जाएगी.

अगली सुनवाई में तय होगी सजा :इस मामले में कोर्ट मित्र की भूमिका में वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नगराथ को नियुक्त किया गया है. नमन नागरथ का कहना है कि अगली सुनवाई 19 फरवरी के लिए तय की गई है. अगली सुनवाई में यह तय हो जाएगा की जिन अधिकारियों ने अपने आवेदन दिए हैं, उन्होंने अपना काम क्यों पूरा नहीं किया. आवेदनों को जाचने के बाद कोर्ट तय करेगी कि इन अधिकारियों के खिलाफ क्या सजा तय की जाए.

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इन अधिकारियों पर कार्रवाई की तलवार :

  • राजेश भूषण, सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार मंत्रालय, भारत सरकार
  • आरती आहूजा, सचिव, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय, भारत सरकार
  • डॉ.प्रभा देसिकान, डायरेक्टर, भोपाल मेमोरियल अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर
  • डॉ.आर.आर. तिवारी, संचालक, नेशनल इंस्टीट्यट फॉर रिसर्च ऑन एनवायर्नमेंटल हेल्थ, ICMR
  • इकबाल सिंह बैंस, पूर्व मुख्य सचिव, मध्य प्रदेश
  • मोहमद सुलेमान, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य, मध्य प्रदेश
  • अमर कुमार सिन्हा, राज्य सूचना अधिकारी, NIC
  • विनोद कुमार विश्वकर्मा, NICSI
  • आर. रामा कृष्णन, सीनियर डिप्टी संचालक, ICMR

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