भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते कहर को देखते हुए मध्यप्रदेश शासन ने एक सलाहकार समिति का गठन किया है. जिसमें कुछ डॉक्टर्स और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं. लेकिन इस सलाहकार समिति को लेकर मध्य प्रदेश में चिकित्सा शिक्षकों और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले दोनों ही संघों ने इस पर आपत्ति जताई है.
मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन की सरकार से मांग, सलाहकार समिति में शामिल किए जाएं स्वास्थ्य प्रतिनिधि
मध्य प्रदेश मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम पत्र लिखकर स्वास्थ्य विभाग प्रतिनिधि को सलाहकार समिति में शामिल करने की मांग की है. उनका कहना है कि वे 24 घंटे लगातार कोरोना से लड़ने में सहयोग कर रहे हैं, लेकिन उनको ही शामिल नहीं किया गया है.
मध्य प्रदेश मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम पत्र लिखकर कहा है कि चिकित्सा विभाग सामने से आकर सुबह से रात तक 24 घंटे काम काम कर रहा है, इस कोरोना जैसी बीमारी से लड़ रहा हैं उनको ही सलाहकार मंडल में प्रमुखता से शामिल नहीं किया गया है. सलाहकार समिति में ऐसे व्यक्तियों को चुना गया है जो राजनैतिक है और कोरोना महामारी से लड़ने में जिन का योगदान ना के बराबर है. इसके साथ ही मध्य प्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ ने भी इस बात की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है.
दोनों ही संघों के प्रतिनिधियों ने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांग की है कि मध्य प्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ या मध्य प्रदेश मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों को सलाहकार समिति में शामिल किया जाए. अगर ऐसा नहीं होता हैं तो मेडिकल टीचर्स और जूनियर डॉक्टर्स के मनोबल को धक्का पहुंचेगा.