भोपाल।विधानसभा चुनाव के पहले एक बार फिर भगवान श्रीराम प्रदेश की राजनीति के केन्द्र में आए हैं. चुनाव के पहले प्रदेश सरकार को एक बार फिर राम पथ की याद आई है और सरकार ने राम वन पथ गमन को धरातल पर उतारने के लिए राज्य सरकार अब श्रीरामचंद्र पथ गमन न्यास को गठित करने का निर्णय लिया है. यह तीसरा चुनाव होगा, जब प्रदेश की सियासत में फिर राम वन पथ की चर्चा होगी, इसको लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि "चुनाव आते ही सरकार को राम की याद आती है. बीजेपी ने कमलनाथ सरकार न गिराई होती तो अब तक यह जमीन पर उतर चुका हो."
शिवराज ने 2007 में किया था ऐलान:मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सबसे पहले 2007 में ऐलान किया था कि "भगवान राम के वनवास का ज्यादातर समय मध्यप्रदेश में बीता था, 14 साल के वनवास में से भगवान राम यहां 11 साल 11 महीने और 11 दिन का समय गुजारा था. मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा पर बसा चित्रकूट से इसकी शुरूआत होती है, चित्रकूट में भगवान राम की कई निशानियां मौजूद हैं. चित्रकूट से शुरू होकर राम पथ गमन अमरकंटक तक जाता है, 370 किलोमीटर लंबे भगवान राम के पथ की तमाम निशानियों को संजो कर राम वन गमन बनानएंगे." फिलहाल अभी भी बाद धरातल पर कुछ नहीं हुआ.