भोपाल। कमलनाथ सरकार एक बार फिर दो हजार करोड़ का कर्ज लेने जा रही है, हालांकि बार- बार कर्ज लेने के लिए कांग्रेस ने पूर्व की बीजेपी सरकार को जिम्मेदार बताया है.
कमलनाथ सरकार दो हजार करोड़ का कर्ज लेने जा रही हैं प्रदेश सरकार को विरासत में करीब पौने दो लाख करोड़ का कर्ज मिला है. वहीं दूसरी तरफ करीब 27 सौ करोड़ की राशि केंद्र से मिलना लंबित है. जिसके कारण मध्यप्रदेश सरकार की माली हालत खराब होती जा रही है. इसके साथ ही कमलनाथ सरकार पर अपने वचन पत्र को पूरा करने का दबाव भी है. इस बारे में मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है, कि मध्य प्रदेश में 15 सालों में भाजपा ने अर्थव्यवस्था पूरी तरह चौपट कर दी थी. राजस्व बढ़ाने के कोई नए जरिए नहीं बनाए गए. उन्होंने कहा कि किसान कर्ज माफी, पेंशन योजना बनाने जैसी योजनाओं के लिए फंड की जरूरत है. इसलिए सरकार को कर्ज लेना पड़ रहा है कुछ समय बाद उनकी सरकार कर्ज कम करेगी और राजस्व बढ़ाएगी.वहीं सरकारी सूत्रों की माने तो कमलनाथ सरकार अब तक 14 बार कर्ज ले चुकी है, अब दो हजार करोड़ का कर्ज लेने के बाद यह आंकड़ा 14,600 करोड़ पर पहुंच जाएगा. अगर सिलसिलेवार गौर करें तो कमलनाथ सरकार ने लगभग हर महीने कुछ न कुछ कर्ज लिया है जनवरी में सरकार को एक हजार करोड़ का कर्ज लेना पड़ा था. फरवरी माह में 4000 करोड़, मार्च में 1600 करोड़, अप्रैल में 1000 करोड़, मई में 2000 करोड़, जून में 1000 करोड़ और अगस्त में सरकार को 1000 करोड़ कर्ज लिया.