भोपाल।कोरोना वायरस के चलते लागू किए गए लॉकडाउन के चलते बच्चों की शिक्षा काफी हद तक प्रभावित हुई है, जिसे देखते हुए राज्य सरकार द्वारा नया प्रयोग किया जा रहा है. इस प्रयोग की शुरुआत 6 जुलाई 2020 से प्रदेशभर में की जाएगी. सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म के माध्यम से बच्चों को शिक्षा देने की तैयारी कर ली गई है. मध्य प्रदेश के कई घरों में स्कूल की घंटी 6 जुलाई 2020 से सुनाई देगी. बच्चे पढ़ेंगे, योग करेंगे, लिखेंगे और कहानियां भी सुनेंगे और उन पर नोट्स तैयार करेंगे.
कोरोना संकट काल में विद्यार्थियों की शैक्षिक नियमितता बनाए रखने के लिए राज्य शिक्षा केन्द्र ने ''हमारा घर-हमारा विद्यालय'' योजना तैयार की है, जिसमें बच्चों को घर पर ही स्कूली वातावरण में अध्यापन कराया जाएगा.
योजना का शुभारंभ 27 जून यानि शनिवार को मंत्रालय में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कार्यक्रम के माध्यम से प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी ने किया. ऑनलाइन कार्यक्रम मे सहभागी एक लाख से अधिक शिक्षकों और अन्य सहयोगियों को संबोधित करते हुए प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी ने कहा कि बच्चे हर अवसर से कुछ न कुछ सीखते हैं. अगर बच्चा अपने पिता के साथ खेत में बोवनी करने भी जाता है, तो भी वह एक नया हुनर प्राप्त करता है. इस काम में दूरी और माप की गणितीय शिक्षा और पर्यावरण की शिक्षा प्राप्त करता है. हर कार्य उन्हें अनुभव प्रदान करता है. विभाग का दायित्व है कि स्कूल बंद होने पर भी बच्चों को हर तरह से सीखने में सहयोग करें.
प्रमुख सचिव ने पालकों से आव्हान किया है कि बच्चों को घर पर भी अध्ययन का वातावरण उपलब्ध कराएं. उन्हें घर में ही एक उचित स्थान दें, जहां वे बिना किसी बाधा के अपनी पढ़ाई कर सकें. ''हमारा घर-हमारा विद्यालय'' योजना ऐसी ही एक पहल है, जो बच्चों को परिवार के सहयोग से घर पर ही पढ़ाई को सुचारु रखने में सहयोगी होगी.
इस अवसर पर आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र लोकेश कुमार जाटव ने बताया कि ''हमारा घर-हमारा विद्यालय'' योजना प्रदेश के कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिए बनाई गई है. विद्यार्थी अब अपने घर पर ही विद्यालय के वातावरण में पढ़ाई कर सकेंगे. घर के स्कूल में सुबह 10 बजे पालक द्वारा घण्टी या थाली बजाकर स्कूल प्रारम्भ किया जाएगा. इसी प्रकार दोपहर एक बजे घण्टी या फिर थाली बजाकर छुट्टी की जाएगी. इससे बच्चों को घर में ही विद्यालय का आभास होगा.
राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा एक सुझावात्मक समय-सारणी भी पालकों और विद्यार्थियों को उपलब्ध कराई जा रही है, जिसके अनुसार सोमवार से शुक्रवार सुबह 10 से दोपहर एक बजे तक विषय अनुरुप अध्ययन होगा. शनिवार को मस्ती की पाठशाला के तहत मनोरंजन गतिविधियां आयोजित की जाएंगी. वहीं शाम को 2 घंटे विद्यार्थी अपने पारिवारिक बड़े-बुजुर्गों से कहानियां सुनकर उन पर नोट्स तैयार करेंगे. इसके अलावा योग सहित अन्य खेलकूद की गतिविधियों का आयोजन अपने घर पर ही करेंगे. राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा इस संबंध में अनेक पारंपरिक गतिविधियों के सुझाव भी दिए गए हैं.
कोरोना संकट काल की स्थिति में छात्रों के निर्बाध सीखने की प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने कई कार्यक्रम शुरू किए हैं, जैसे वाट्सएप के माध्यम से डिजिलेप यानि डिजिटल लर्निंग इन्हांसमेंट प्रोग्राम, रेडियो के माध्यम से रेडियो स्कूल, दूरदर्शन मध्य प्रदेश पर क्लासरूम का प्रसारण, पिछले साल की दक्षता उन्नयन वर्कबुक का ग्रीन जोन में वितरण सहित शिक्षकों द्वारा बच्चों को दैनिक आधार पर फोन से संपर्क करना और उनकी पढ़ाई में सहायता करना प्रमुख है. इसी कड़ी में अब ''हमारा घर हमारा विद्यालय'' कार्यक्रम प्रारंभ किया जा रहा है.
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शनिवार को आयोजित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की पहुंच लगभग 2.5 लाख व्यक्तियों तक रही. वहीं इसे 1.5 लाख से अधिक लोगों द्वारा देखा गया और 1.25 लाख से अधिक व्यक्तियों की सहभागिता रही.