भोपाल। कोरोना की नई लहर ने इस बार मुश्किलें पैदा कर दी हैं. दूसरी लहर में बड़ी संख्या में बच्चे कोरोना की चपेट में आ रहे हैं. पिछली लहर में बच्चें इसकी चपेट में नहीं आए थे, लेकिन इस बार डॉक्टर और विशेषज्ञ भी मान रहे हैं कि, कोरोना की दूसरी लहर ने बच्चों पर संक्रमण का प्रभाव हो रहा है. बच्चों में कोरोना से लड़ने की क्षमता दूसरों से ज्यादा है. विशेषज्ञों के मुताबिक अगर बच्चों को डायरिया, उल्टी, पेट में दर्द की शिकायत है, तो तुरंत सावधान हो जाइए. वहीं बच्चे को तेज बुखार, सांस लेने में दिक्कत, हल्की खांसी, नाक लगातार बहने जैसी शिकायत हो तो तुरंत अलर्ट हो जाएं और डॉक्टर का परामर्श जरूर लें.
- होम आइसोलेशन से ठीक हो रहे बच्चे
भोपाल जिला अस्पताल के चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. पीयूष पंचरत्न का कहना है कि कोविड-19 वयस्कों को हुआ तो बच्चों को भी होगा, लेकिन पहली लहर में नहीं हुआ था. इस वेरिएंट में बच्चे भी प्रभावित हो रहे हैं. अच्छी बात ये है कि बच्चों में सीरियसनेस नहीं है. जिला अस्पताल में अब तक केवल एक केस आया वो भी ठीक हो गया. होम आइसोलेशन से बच्चे ठीक हो रहे हैं. डाक्टरों के मुताबिक बच्चे स्प्रैडर होते हैं इसलिए घर में बच्चों को अलग रखना जरूरी है. बच्चों को पहले से ही बहुत सारे टीके लगे होते हैं जिसके कारण उनकी इम्युनिटी अच्छी रहती है.
इंदौर: किन्नर समुदाय ने की लोगों से घरों में रहने की अपील
- मप्र में अब तक कोई स्टडी नहीं
राजधानी भोपाल में एम्स, हमीदिया, जयप्रकाश अस्पताल सहित अन्य निजी अस्पतालों में भी बच्चों को कोविड होने का कोई सीरियस केस फिलहाल सामने नहीं आए है, लेकिन बड़ी संख्या में बच्चे कोरोना पॉजिटिव हुए हैं. डाक्टरों के अनुसार मप्र में अभी कोविड-19 इफेक्टेड बच्चों पर कोई स्टडी रिपोर्ट नहीं आई है. मप्र में फिलहाल कोई सीरियस केस नहीं आया है.
एमपी में बच्चों, किशोरों में कोरोना संक्रमण के मामले