MP में पेट्रोल के लिए हाहाकार, घंटों लगानी पड़ रही लाइन, सुरक्षा में बंट रहा पेट्रोल - एमपी में पेट्रोल की कमी
MP Petrol Crisis: देशभर में नए कानून के विरोध का असर पेट्रोल पंप पर देखने मिल रहा. एक दम से पेट्रोल-डीजल की मांग में बढ़ोत्तरी हो गई है. पंप पर पेट्रोल-डीजल लेने वालों की लंबी लंबी लाइनें लगी है. पढ़िए सड़क दुर्घटना कानून, चालकों की हड़ताल और पेट्रोल-डीजल की मांग को लेकर ये खबर...
भोपाल/मंडला।केंद्र सरकार के सड़क दुर्घटना कानून को लेकर देश में विरोध स्वर उठ रहे हैं. इस कानून के विरोध में AIMTC (ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस) ने संशोधन का विरोध करते हुए देश भर में हड़ताल शुरू कर दी है. लिहाजा सभी ट्रांसपोर्टर हड़ताल पर चले गए हैं. वहीं इसी तरह की खबरें एमपी के लगभग सभी जिलों से सामने आ रही है. जहां इस कानून ने चालकों की मुश्किलें बढ़ा दी है, तो वहीं इन दिनों पेट्रोल पंप मालिकों की चांदी हो गई है. हड़ताल के चलते अब पेट्रोल पंप पर पेट्रोल-डीजल लेने वालों की लंबी-लंबी कतारें लग रही है.
पेट्रोल पंप पर मचा हाहाकार: दरअसल, प्रदेश के लगभग सभी जिलों में ट्रांसपोर्टर्स पहिए थाम कर आंदोलन कर रहे हैं. नए कानून से चालकों में सरकार के प्रति खूब नाराजगी देखी जा रही है. वाहनों के बंद होने से अब आम नागरिक परेशान हो रहा है. यात्रा के लिए आमजनों को निजी वाहनों या किराए के वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है. जिसके चलते प्रदेश के सभी पेट्रोल पंप पर हाहाकार की स्थिति बनी हुई है. शहर के जिस पंप पर नजर डालें तो हर जगह पेट्रोल-डीजल लेने वालों की लंबी-लंबी लाइन लगी हुई है. कोई वाहन तो कोई बोतल में पेट्रोल भरवाने पहुंच रहा है.
पेट्रोल के लिए कतार में वाहन
पंप पर हो रही पेट्रोल-डीजल की कमी:इस विरोध के चलते कई जगह के मार्ग भी पूरी तरह से प्रभावित हैं. पेट्रोल डीजल का स्टॉक भी धीरे-धीरे खत्म हो रहा है. प्रशासन ने सभी अधिकारियों को मैदान में उतरकर स्थिति संभालने के आदेश दिए हैं. सुरक्षा के साथ डिपो से पेट्रोल-डीजल को पंप पर पहुंचाया जा रहा है. वहीं इंदौर शहर के पेट्रोल पंप के लिए मांगलिया डिपो से पुलिस सुरक्षा व्यवस्था के साथ 15 पेट्रोल डीजल टैंकर पहुंचे. जबकि अभी और टैंकर आ सकते हैं. मामले में कलेक्टर डॉक्टर इलैया राजा टी ने बताया कि जल्द ही टैंकर पंप तक पहुंचेगा. उन्होंने कहा कि आम जनता को पेट्रोल-डीजल की परेशानी नहीं होगी.
क्यों हो रहा विरोध:बता दें केंद्र सरकार ने हिट एंड रन मामले में कानून में संशोधन करते हुए दोषी ड्राइवर पर सात लाख रुपए का जुर्मान और 10 साल की कैद का प्रावधान किया है. जिसको लेकर सभी चालक आंदोलन कर रहे हैं. वहीं इन चालकों का कहना है कि अगर इतने ही पैसे होते वह पढ़ाई-लिखाई और नौकरी न कर लेते. सभी चालकों ने इस नए कानून को काला कानून बताया और इसे वापस लेने की मांग करते हुए उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.