मुंबई/भोपाल।नई मुंबई हवाई अड्डे के नाम को लेकर कुछ दिन पहले हुए आंदोलन में कोविड नियमों का उल्लंघन हुआ था. इस संदर्भ में मुंबई हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है. इस पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिए हैं कि, देश में हवाई अड्डों को नाम देने के लिए एक निश्चित नीति तैयार की जाए. या फिर अगर ऐसी कोई नीति है तो उसकी स्थिति न्यायालय के सामने पेश की जाए.
हवाई अड्डों के नामकरण की क्या है नीति, हाईकोर्ट ने पूछा, उड्डयन मंत्री बनाएं पॉलिसी - हाईकोर्ट के केंद्र को निर्देश
हवाई अड्डे के नाम को लेकर कुछ दिन पहले हुए आंदोलन में कोविड गाइडलाइन का उल्लंघन हुआ था. इस संदर्भ में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिए हैं कि, देश में हवाई अड्डों को नाम देने के लिए एक निश्चित नीति तैयार की जाए.
न्यायमूर्ति दिपांकर दत्ता की पीठ में सुनवाई
मुख्य न्यायमूर्ती दिपांकर दत्ता के पीठ ने इसपर सुनवाई की. इस दौरान देश में हवाई अड्डों को नाम देने के लिए एक नीति तैयार किया जाए या अगर ऐसी कोई नीति वर्तमान में है तो इसकी स्थिती के बारे में न्यायालय को बताया जाए ऐसा निर्देश हाईकोर्ट ने केंद्र को दिया है. इसके साथ ही आंदोलन में हुए कोरोना नियमों के उल्लंघन पर भी न्यायालय ने नाराजगी जताई है.
स्थानिकों से हो रही है मांग
नई मुंबई आंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के काम को शुरूआत हुई तब से ही इसे पूर्व सांसद दि. बा. पाटील का नाम दिया जाए ऐसी मांग हो रही है. मुंबई, नई मुंबई, ठाणे, रायगड, पालघर इस जिले के किसान, मजदूर वर्ग से ये मांग हो रही है. इस संदर्भ में केंद्र और राज्य सरकार से पत्र व्यवहार भी किया गया है. गत 17 अप्रैल को सिडको के निदेशक मंडल ने इसको दिवंगत शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे का नाम देने का प्रस्ताव मंजूर किया. इस पर नाराज स्थानिक मजदूर और किसानों ने इसके खिलाफ आंदोलन किया था. इसके खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की गई थी.