भोपाल। मिशन 2023 के लिए बीजेपी ने पूरा दमखम लगा रखा है. इसके लिए शिवराज सरकार अभी से प्रयास में जुट गई है. दो दिन पहले पचमढ़ी चिंतन शिविर इसी कड़ी का एक प्रयास है. साल 2018 में भोपाल के कोलार डैम के जंगल में बने गेस्ट हाउस में बैठक शिवराज ने मंत्रियों के साथ बैठक की थी. इसमें सरकार का आत्मनिर्भर रोड मैप बनाने का खाका तैयार किया गया था. लेकिन अभी तक मप्र आत्मनिर्भर सिर्फ कागजों में ही बना है. खंडवा के हनुमंतिया टापू पर भी कैबिनेट की बैठक की गई थी. बाद में कमलनाथ सरकार गिरने के बाद एक साल बाद सीएम शिवराज ने अपने मंत्रिमंडल सदस्यों के साथ सीहोर में बैठक की थी. बैठक बाहर करने का मकसद योजनाओं की ग्राउंड रियलिटी जानने का है. मंत्रीगण सीधे शिवराज से वन टू वन करते हैं. मंत्री अपनी बात बेबाकी से रख पाते हैं और सीएम की व्यस्तता उतनी नहीं होती. पचमढी में चिंतन बैठक का भी यही मकसद बताया जाता है लेकिन बैठक के पीछे शिवराज का मकसद बीजेपी का वोट बैंक बढ़ाने का है .
2018 के चुनाव में बीजेपी का वोट प्रतिशत 41 था :2018 के चुनाव में बीजेपी का वोट प्रतिशत 41 था. लेकिन अब पार्टी का मकसद है कि इस वोट बैंक को 10 प्रतिशत बढ़ाना. यदि 51 फीसदी हो गया तो सरकार बनना पक्का और वो भी भारी बहुमत के साथ. पचमढ़ी में जिन योजनाओं पर मंथन हुआ, उसमें खासतौर से वोट बैंक को साधने की कवायद दिखी. जैसे महिला वोट बैंक, जोकि आधी आबादी है. सोशल इंजीनियरिंग में माहिर शिवराज सिंह ने महिला वोटर्स के साथ ही 60 प्लस के लोगो के लिए तीर्थदर्शन योजना की बात की है. यानी करीब 70 लाख वोटर्स को साधने की कोशिश है. छात्र और छात्राओं के लिए स्कीम में बदलाव, जिससे यूथ वोटर्स को साधा जाएगा.