मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

शराब दुकानों को लेकर उलझन में प्रदेश सरकार, आज फिर लगाई जाएगी बोली - कलेक्टर अविनाश लावानिया

मध्य प्रदेश सरकार राजधानी की शराब दुकानों को लेकर काफी उलझन में है. अभी भी ज्यादातर दुकानें आबकारी विभाग के माध्यम से ही संचालित की जा रही हैं. सरकार को इन सभी दुकानों के लिए नए सिरे से टेंडर जारी करने पड़ रहे हैं.

Bid will be made on liquor shops today
शराब दुकानों को लेकर आज लगाई जाएगी बोली

By

Published : Jun 23, 2020, 7:26 AM IST

भोपाल। शराब कारोबार प्रदेश सरकार के लिए लगातार मुसीबत बनता जा रहा है, क्योंकि कई दिन बीत जाने के बावजूद भी अब तक राजधानी की शराब की दुकानों को लेकर स्थिति साफ नहीं हो पाई है. अभी भी ज्यादातर दुकानें आबकारी विभाग के माध्यम से ही संचालित की जा रही हैं तो वहीं दूसरी ओर कम बोली लगाए जाने के चलते शराब दुकान आवंटन की प्रक्रिया निरस्त करते हुए आज फिर से नई बोली आमंत्रित की गई है.

शराब दुकानों को लेकर आज लगाई जाएगी बोली

सरकार का उद्देश्य है कि जल्द से जल्द शराब की दुकानें ठेकेदारों को दे दी जाए, ताकि राजस्व में बढ़ोतरी हो सके. लेकिन ठेकेदारों के द्वारा जो बोली लगाई जा रही है, वह पिछले वर्ष से भी कम है. शहर की लगभग 75 शराब की दुकानों के दो ग्रुप बनाकर सोमवार को इन सभी दुकानों का ऑक्शन किया गया. लेकिन यह दोनों ग्रुप के ठेके किसी भी शराब ठेकेदार को नहीं दिए जा सके. दरअसल ऑक्शन में शामिल हुए सभी शराब ठेकेदारों ने दोनों ग्रुपों के शराब ठेकों के लेने के लिए जो बोली लगाई वह वर्ष 2019-20 में तय किए गए रेट से भी 34 प्रतिशत कम रही है. इसी के चलते कलेक्टर अविनाश लावानिया ने ऑक्शन प्रक्रिया को निरस्त कर दिया है. उन्होंने आज मंगलवार को दोबारा इन दोनों ग्रुप की शराब दुकानों के ऑक्शन कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं.

शराब दुकानों को लेकर आज लगाई जाएगी बोली

शराब ठेकेदारों के द्वारा 900 दुकानों को किया गया सरेंडर

पुराने शहर की शराब दुकानों के लिए 23.68 प्रतिशत कम बोली लगाई गई है. जबकि नए शहर की दुकानों के लिए 33.94 प्रतिशत कम बोली आई है ऐसे में दोनों ग्रुप की दुकानों के लिए ऑक्शन को निरस्त कर दिया गया है और नए सिरे से टेंडर की तारीख तय कर दी गई है. बता दें कि प्रदेश के शराब ठेकेदारों के द्वारा 900 से ज्यादा दुकानों को सरेंडर कर दिया गया है. यही वजह है कि सरकार को इन सभी दुकानों के लिए नए सिरे से टेंडर जारी करने पड़ रहे हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details