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Poll cash case: कारोबारियों पर कसेगा अब EOW का शिकंजा - delhi income tax department

मध्यप्रदेश के पोल कैश मामले में अब एक नया मोड़ सामने आया है. ईओडब्ल्यू की टीम जल्द ही कारोबारियों पर शिकंजा कस सकती है.

Poll cash case in Madhya Pradesh
पोल कैश मामला

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Published : Jan 24, 2021, 4:07 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव के दौरान हुए काले धन के लेनदेन मामले में अब ईओडब्ल्यू की टीम कारोबारियों पर शिकंजा कस सकती है. सीबीडीटी की रिपोर्ट में नेताओं मंत्रियों और पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ कई कारोबारियों और कंपनियों के नाम भी शामिल है. अब ईओडब्ल्यू की टीम काले धन के लेनदेन में इन कारोबारियों की भूमिका की जांच करेगा.

कमलनाथ

CBDT की रिपोर्ट में कई कारोबारियों के भी नाम

पोल कैश मामले में आयकर विभाग की जो रिपोर्ट सामने आई थी, उस रिपोर्ट में तत्कालीन सरकार के कुछ मंत्री, विधायक, नेता और पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ कारोबारियों के भी नाम शामिल है. अब पुलिस अधिकारियों के बाद ईओडब्ल्यू की टीम कारोबारियों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है. इन कारोबारियों पर कलेक्शन करने और करोड़ों रुपए का लेन देन करने के आरोप लगे हैं. ईओडब्ल्यू अब इन सभी कारोबारियों की भूमिका की जांच करेगी. माना जा रहा है कि जल्द ही एसआईटी इन कारोबारियों के खिलाफ प्राथमिक जांच दर्ज कर सकती है.

पोल कैश मामला मध्यप्रदेश

कारोबारियों ने किया है 93 करोड़ का लेन-देन

साल 2019 में दिल्ली आयकर विभाग की टीम में लोकसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश के भोपाल इंदौर समेत दिल्ली में 52 स्थानों पर छापामार कार्रवाई की थी. इस दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के सलाहकार आरके मिगलानी, ओएसडी प्रवीण कक्कड़ थे. इंदौर के हवाला कारोबारी ललित कुमार छजलानी. भोपाल के कारोबारी और एनजीओ से जुड़े अश्विन शर्मा, प्रतिक जोशी और हिमांशु शर्मा के ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की गई थी. इन 52 ठिकानों से आयकर विभाग की टीम को ट्रांसफर पोस्टिंग और कई डायरिया, दस्तावेज मिले थे. जिनमें करीब 93 करोड़ रुपये के लेनदेन की जानकारी और 4 करोड रुपए नगरी बरामद हुई थी.

यह है पूरा मामला

दरअसल मध्यप्रदेश में तत्कालीन कमलनाथ सरकार के दौरान लोकसभा चुनाव के वक्त दिल्ली आयकर विभाग की टीम ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी आरके मिगलानी प्रवीण कक्कड़ और भांजे रतुल पुरी समेत एक कारोबारी अश्विन शर्मा के 52 ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की थी. इस दौरान आयकर विभाग की टीम ने इन ठिकानों से बड़ी संख्या में दस्तावेज कंप्यूटर और फाइलें जब्त की थी. इसके अलावा करोड़ों रुपए कैश भी बरामद किए गए थे. जब आयकर विभाग की शीर्ष संस्था ने इन पूरे दस्तावेजों की जांच की तो काले धन के लेन-देन के पुख्ता सबूत आयकर विभाग के हाथ लगे थे. जिसके बाद आयकर विभाग ने एक विस्तृत रिपोर्ट केंद्रीय चुनाव आयोग को सौंपी जिस पर चुनाव आयोग ने ईओडब्ल्यू को इस मामले में प्राथमिक की जांच दर्ज करने के आदेश दिए. चुनाव आयोग के आदेशों पर अब इस मामले में ईओडब्ल्यू ने प्राथमिक जांच दर्ज कर एसआईटी का गठन कर दिया है.

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