भोपाल। 10 दिन तक पंडालों में दुर्गा माता की सेवा करने के बाद मंगलवार को दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन किया गया. कोरोना के कारण इस बार के विसर्जन में कई तरह के बदलाव देखने मिले.
दुर्गा प्रतिमा का किया गया विसर्जन नहीं निकाली गई झांकी और चल समारोह
कोरोना के कारण इस बार राजधानी भोपाल में प्रशासन ने झांकियां निकालने की इजाजत नहीं दी. हर साल चल समारोह के दौरान झांकियां आकर्षण का केंद्र रहती थी. जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग आते थे. लेकिन इस बार कोरोना के कारण चल समारोह और झांकियों की इजाजत नहीं दी गई थी. सिर्फ 10 लोगों के साथ पंडाल समिति को विसर्जन घाट तक जाने की इजाजत दी गई.
माता के जयकारों की गूंज
कोविड 19 के कारण भले ही धूमधाम से विसर्जन कार्यक्रम नहीं हुआ, लेकिन भक्तों में उत्साह देखने को मिला. उत्साह के साथ भक्त पंडालों से घाटों पर दुर्गाजी का विसर्जन करने पहुंचे. इस दौरान माताजी के जयकारों के साथ दुर्गा माता का विसर्जन किया गया.
आदेश का सख्ती से पालन
इस बार सिर्फ 10 लोगों को विसर्जन की इजाजत दी गई थी. जिसकी सुरक्षा में तैनात जवानों ने सख्ती से पालन करवाया. इसके अलावा गणेश विसर्जन के दौरान पिछले साल हुए हादसे से सबक लेते हुए प्रशासन ने इस बार किसी को भी विसर्जन के लिए घाटों पर उतरने नहीं दिया. क्रेन के जरिए ही विसर्जन किया गया. नाव से विसर्जन पूरी तरह प्रतिबंधित रहा. हालांकि प्रशासन ने घाटों पर ज्यादा भीड़ जमा नहीं होने दी.