भोपाल। कोरोना हर किसी के लिए परेशानी ही लेकर आया है. स्कूल बंद होने से जहां बच्चों के विकास पर असर पड़ रहा है, तो वहीं कॉलेज बंद होने से छात्रों के फ्यूचर पर इफेक्ट पड़ रहा है. कोरोना के चलते लगी पाबंदियों ने छात्रों की जिंदगियों को बदलकर रख दिया है. पिछले साल कोरोना आने के बाद लगी तमाम पाबंदियों के हटते-हटते एक साल लग गया. बमुश्किल 15 दिनों के लिए ही छात्रों के कॉलेज खुल पाए होंगे कि फिर से कॉलेज बंद हो गए. सैकेंड और थर्ड ईयर के स्टूडेंट का तो ठीक है लेकिन सबसे ज्यादा सपने टूटे उन छात्रों के जिनका पिछले साल या इस साल एडमिशन हुआ है.
घर में नहीं होती पढ़ाई
फर्स्ट और सैकेंड ईयर के स्टूडेंट का कहना है कि उनकी कॉलेज लाइफ पूरी तरह से खत्म हो गई है. कॉलेज के गोल्डन पीरियड को वो जी नहीं पा रहे हैं. ऑनलाइन क्लासेस और ऑनलाइन पढ़ाई में उनका मन नहीं लगता है. ऑनलाइन क्लासेस में रिसोर्सेस नहीं मिल पा रहे हैं. कई स्टूडेंट का घर में रहकर पढ़ाई करने का मन नहीं करता है. छात्रों का कहना है कि जब तक टीचर्स से सही ज्ञान नहीं मिल पाएगा, ई-मार्कशीट और ई-डिग्री लेकर क्या करेंगे.