भोपाल। खुद को गृहमंत्री अमित शाह बताकर प्रदेश के राज्यपाल को फोन करने के मामले में गिरफ्तार आरोपी डॉक्टर चंद्रेश कुमार शुक्ल और वीआईपी सिम दिलवाने वाले दक्ष अग्रवाल की जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है. एसटीएफ को पूछताछ का और समय मिल गया है. हालांकि अभी तक दक्ष अग्रवाल ने फर्जी सिम की खरीद-फरोख्त करने वाले कई नामों का खुलासा किया है. जिसके आधार पर और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं.
VIP सिम का गोरखधंधा करने वाले दक्ष की जमानत याचिका खारिज, हो सकती है कई और गिरफ्तारियां
कुलपति बनने के लिए अमित शाह बनकर राज्यपाल लालजी टंडन को फोन करवाने वाले डॉक्टर चंद्रेश शुक्ला और उसे VIP सिम दिलवाने वाले आरोपी दक्ष अग्रवाल की जमानत याचिका कोर्ट ने खारिच कर दी है.
एसटीएफ की पूछताछ में पता चला है कि, दक्ष अग्रवाल ने डॉक्टर चंद्रेश को 1 लाख 90 हज़ार रुपये में VIP सिम गुवाहाटी से दिलाई थी. जिसमें से 90 हज़ार रुपये उसने महाराष्ट्र के सिम डीलर प्रकाश चेलार को दिए थे. जिस टेलीकॉम कंपनी की सिम था, उसके अधिकारियों से दक्ष के अच्छे संबंध थे. हालांकि एसटीएफ को प्रकाश चेलार का कोई सुराग नहीं मिल सका है. वहीं अधिकारियों ने प्रकाश सहित कई अन्य आरोपियों को जल्दी पकड़ने की बात कही है.
बता दें कि, डॉक्टर चंद्रेश शुक्ला ने वीआईपी सिम से विंग कमांडर कुलदीप के जरिए प्रदेश के राज्यपाल को फोन लगवाया था. जिसमें कुलदीप ने खुद को अमित शाह बताकर चंद्रेश शुक्ला को विश्वविद्याय का कुलपति बनने की बात कही थी. जिसकी शिकायत एसटीएफ से की गई थी. जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने विंग कमांडर कुलदीप बाघेला, डॉ चंद्रेश शुक्ला को गिरफ्तार कर लिया था. एसटीएफ ने वीआईपी सिम उपलब्ध कराने वाले हरिद्वार के टूर एंड ट्रेवल संचालक दक्ष अग्रवाल को गिरफ्तार किया था.