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वित्तीय हालातों पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग, पूर्व वित्त मंत्री का बीजेपी पर निशाना

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Published : Jul 27, 2020, 6:28 AM IST

शिवराज सरकार द्वारा पारित विनियोग अध्यादेश के माध्यम से लाए गए बजट में 28 हजार करोड़ रुपए की कमी को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधा है. प्रदेश सरकार को मौजूदा वित्तीय हालातों पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए.

CM Shivraj-Kamal Nath
सीएम शिवराज-कमलनाथ

भोपाल।मध्य प्रदेश सरकार द्वारा पारित विनियोग अध्यादेश के माध्यम से लाए गए बजट में 28 हजार करोड़ रुपए की कमी को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधा है. कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा कि सरकार ने लेखानुदान के समय जो 40 परसेंट की वृद्धि दर बताई थी. वह आंकड़ों की हेरा फेरी थी. प्रदेश सरकार को मौजूदा वित्तीय हालातों पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए.

वित्तीय हालातों पर कांग्रेस की श्वेत पत्र जारी करने की मांग

मध्य प्रदेश के बजट को लेकर पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि एफआरबीएम की ऋण लेने की सीमा बढ़ जाने के बाद भी बजट घट गया है. शिक्षा और स्वास्थ्य का बजट घटना चिंता का विषय है जिससे साफ है कि सरकार को आगे का रास्ता नहीं सूझ रहा. जीएसटी रिजिम में केंद्र सरकार ने वादा किया था कि 14% से कम वृद्धि होने पर राज्यों के घाटे की पूर्ति करेंगी. लेकिन यह वादा पिछले साल भी नहीं निभाया गया और मध्य प्रदेश के लगभग 14000 करोड़ रुपए शेष रह गया था. मध्य प्रदेश सरकार को यह मांग करनी चाहिए.

पूर्व वित्त तरुण भनोत ने सरकार से वित्तीय स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि सरकार पारदर्शी बने और प्रदेश की जनता से संपूर्ण बजट साझा करें. वहीं इस मामले में कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह यादव के मुताबिक बजट में प्रदेश सरकार ने 36 हजार करोड़ से ज्यादा की कृषि बजट में कमी की है. पिछले साल कांग्रेस सरकार में कृषि विभाग के लिए 40559 करोड़ का प्रावधान था जो इस साल सिर्फ 10461 करोड़ रखा गया है.

किसान विरोध पार्टी है बीजेपी-कांग्रेस

कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने बताया कि बीजेपी किसान विरोधी पार्टी है. कांग्रेस ने कहा कि प्रदेश में सरकार बनाते हुए किसानों पर अत्याचार शुरू हो गया है. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि शिवराज सरकार इस साल के कृषि बजट में 36 हजार की कमी की है. उन्होंने बीजेपी पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि पहले तो भाजपा किसानों का नाम लेकर सत्ता पर काबिज हो गई औऱ जब किसानों की हित की बात आई तो बीजेपी के नेता अब किसानों का नाम तक लेने को तैयार नहीं है.

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