कांग्रेस का शिवराज सरकार पर आरोप, महाकाल लोक की मूर्तियां चायनीज सामान से हुई तैयार
मध्यप्रदेश के महाकाल लोक में रविवार को आंधी-तूफान में सप्तऋषि की 6 मूर्तियां गिरने से खंडित हो गई थी. जिसके बाद कांग्रेस लगातार शिवराज सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है. कांग्रेस ने महाकाल लोक की मूर्तियों में चायनीज सामान इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है.
सज्जन सिंह वर्मा का आरोप
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Published : May 31, 2023, 3:39 PM IST
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Updated : May 31, 2023, 5:12 PM IST
सज्जन सिंह वर्मा का आरोप
भोपाल। पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा ने महाकाल लोक में सप्त ऋषि की मूर्तियां हवा में गिरने को लेकर बीजेपी पर जमकर हमला बोला है. सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि महाकाल लोक में 80 फीसदी का भ्रष्टाचार हुआ है. उन्होंने कहा कि जो मूर्तियां सिंधी समाज ने जिस कलाकार से चार लाख 10 हजार में तैयार करवाई. वहीं मूर्ति महाकाल लोक में 10 लाख में तैयार हुई है. कांग्रेस ने कहा कि सनातन धर्म में खंडित मूर्तियां स्थापित नहीं की जाती, लेकिन महाकाल लोक में अब ऐसी ही मूर्तियां स्थापित करने की तैयारी की जा रही है. कांग्रेस ने नगरीय आवास एवं विकास विभाग मंत्री भूपेंद्र सिंह को चुनौती दी है कि वे जहां चाहे उन्हें तमाम भ्रष्टाचार के सबूत पेश करने को तैयार हैं. कांग्रेस ने सरकार से उज्जैन में हुए भ्रष्टाचार की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराने की मांग की है.
चाइनीज सामान से तैयार कराई गई थी मूर्तियां: दरअसल महाकाल लोक में तेज हवा से गिरी मूर्तियों की जांच के लिए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी गठित की थी. उज्जैन के दौरे के बाद लौटे सज्जन सिंह वर्मा ने नगरीय आवास एवं विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह को चैलेंज किया है. वे जहां चाहे वहां आकर भ्रष्टाचार से संबंधित दस्तावेज सौंपने को तैयार हैं. पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और कांग्रेस नेत्री शोभा ओझा ने आरोप लगाया कि महाकाल लोक के निर्माण में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है. प्रदेश सरकार ने 97 करोड़ की कार्य योजना बनाई थी, लेकिन जब हमारी सरकार आई तो कमलनाथ ने कहा था कि इसे राष्ट्रीय स्तर का बनाया जाए और कांग्रेस ने 300 करोड़ की कार्य योजना तैयार की. सज्जन सिंह वर्मा ने सवाल उठाया कि जब टेंडर 97 करोड़ का निकाला गया, तो उसी टेंडर में उसी ठेकेदार को 97 करोड़ का और ठेका दे दिया गया, जिन कंपनियों को ठेका दिया गया. वह तीनों कंपनियां गुजरात की है.
मूर्तियों में चाइनीज का उपयोग:महाकाल लोक में जो मूर्तियां हवा के झोंकों में टूट कर गिर गई. उनकी गुणवत्ता से खिलवाड़ किया गया था. उन मूर्तियों में चाइनीज आइटम का उपयोग किया गया. इन मूर्तियों में चाइनीज एफआरपी नेट 150gsm की लगाई गई, जबकि इसमें 450 जीएसएम की 3 लेयर में एफआरपी नेट यूज होनी थी.
सज्जन सिंह वर्मा का आरोप
चार लाख की मूर्तियां 10 लाख में बनवाई: पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने आरोप लगाया कि जो मूर्तियां महाकाल लोक में स्थापित की गई, वह बेहद हल्की क्वालिटी का है. सिंधी समाज ने 25 फीट की ऐसी ही मूर्ति उज्जैन में चार लाख में लगवाई, लेकिन इससे छोटी मूर्ति महाकाल लोक में 10 लाख रुपए में तैयार करवाई है, जबकि दोनों के कलाकार एक ही हैं. गुजरात की कंपनियों ने इन्हीं कलाकारों से ऐसी ही मूर्तियां तैयार करवाई थी. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि टेंडर में मूर्तियों के छोटे-छोटे आइटम के लिए अलग से खरीदी दिखाई गई जो अपने आप में भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती है.
अब खंडित मूर्तियां स्थापित करने की तैयारी: पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री शिवराज ने सिर्फ अपना महिमामंडन कराने और तेज गति से काम कराने के लिए घटिया स्तर की सामग्री का उपयोग किया. सज्जन सिंह वर्मा ने कहा की धार्मिक मान्यता है कि धर्म क्षेत्र में खंडित मूर्तियों को नहीं लगाना चाहिए लेकिन अब उन्हें मूर्तियों को रिपेयर कर लगाने की तैयारी की जा रही है. महाकाल लोक में लगी दूसरी मूर्तियों के रंग भी उड़ना शुरू हो गया है.
सज्जन सिंह वर्मा ने तंज कसते हुए कहा कि कमल के फूल पर बैठी मूर्तियां उतर गई, क्योंकि उन्हें भी पता लगे है कि यहां भ्रष्टाचार हुआ है. यह संकेत है कि प्रदेश में सत्ता बीजेपी की जाने वाली है.
मैं मंत्री भूपेंद्र सिंह को चुनौती देता हूं कि मेरे पास पूरे सबूत हैं, वे बताएं कहां आना है, मैं उन्हें पूरे भ्रष्टाचार के सबूत देने को तैयार हूं, ऐसे ही फाइव स्टार होटल नहीं बन जाती.
शोभा ओझा ने आरोप लगाया कि इतने बड़े प्रोजेक्ट में क्वालिटी कंट्रोल की लैब स्थापित की जाती है लेकिन उज्जैन में इस तरह का कोई लैब स्थापित नहीं की गई. यह इसलिए नहीं की गई क्योंकि इन्हें भ्रष्टाचार का मौका नहीं मिलता. लैब स्थापित करने का प्रावधान टेंडर में भी था.
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा महाकाल लोक के लोकार्पण के 1 माह बाद ही 97 करोड़ का मेंटेनेंस का टेंडर निकाला गया था, लेकिन इसके बाद भी इस तरह की घटनाएं सामने आ रही है.
कांग्रेस नेता महेश परमार ने महाकाल लोक में हुए भ्रष्टाचार को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी. जिसको लेकर तत्कालीन डीजी महेश मकवाना ने कई लोगों को नोटिस जारी किए थे, लेकिन बाद में राज्य सरकार ने उन्हें हटा दिया.