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पटाखों की तरह अलग-अलग चॉकलेट, इन्हें जलाना नहीं, बल्कि खाना है

भोपाल की एक महिला ने ऐसे पटाखे बनाए हैं, जो चॉकलेट की शक्ल में है. इन पटाखों को जलाना नहीं बल्कि चॉकलेट की तरह खाना है. इसके साथ ही सभी प्रकार के बम जैसे कि सुतली बम चकरी अनारदाना और भी अन्य प्रकार के पटाखे हैं. जिन्हें दिवाली पर जलाएंगे नहीं बल्कि उन पटाखों से मुंह मीठा किया जाएगा.

BHOAPL
भोपाल

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Published : Nov 13, 2020, 5:22 PM IST

Updated : Nov 13, 2020, 6:32 PM IST

भोपाल।इस दिवाली पर पटाखे जलाने नहीं बल्कि खाने वाले पटाखे मिलेंगे.जी हां दरअसल भोपाल की एक महिला ने ऐसे पटाखे बनाए हैं, जो चॉकलेट की शक्ल में है. यानी इन पटाखों को जलाना नहीं बल्कि चॉकलेट की तरह खाना है. इसके साथ ही सभी प्रकार के बम जैसे कि सुतली बम चकरी अनारदाना और भी अन्य प्रकार के पटाखे हैं. जिन्हें दिवाली पर जलाएंगे नहीं बल्कि उन पटाखों से मुंह मीठा किया जाएगा.

इन पटाखों को जलाना नहीं खाना है

पटाखों की तरह अलग-अलग चॉकलेट

दरअसल राजधानी में रहने वाली मनीषा ने इस बार कोरोना संक्रमण के चलते और लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को देखते हुए एक नया आइडिया अपनाया है, जिसमें उन्होंने बम के आकार के चॉकलेट बनाए हैं. जी हां देख कर जरूर हैरानी होगी कि यह बम दिवाली पर न तो धुआ करेंगे और न ही बहुत ज्यादा शोर शराबा करेंगे. बल्कि इन पटाखों से मुंह में मिठास घुलेगी.

सुतली बम,अनारदाना,चकरी, रॉकेट बम आकार के चॉकलेट

ईटीवी भारत ने जब इन पटाखों को बनाने वाली मनीषा और उनके पति डॉ. अनुपम से बात की तो पता चला कि यह पटाखे जलाने के लिए नहीं बल्कि खाने के लिए हैं, और इस दौरान एक सुतली बम डॉक्टर अनुपम ने खोलकर खाया भी है. मनीषा का मानना है कि आम तौर पर मौजूदा समय में पटाखे चलाने से कहीं न कहीं पर्यावरण और कोरोना संक्रमण जैसी महामारी से बचाव के लिए इस तरीके के प्रयोग किया गया है. अगर लोग इस तरीके से दिवाली मनाते हैं तो पर्यावरण के साथ-साथ कोरोना महामारी से बचने में भी कामयाब हो पाएंगे.

Last Updated : Nov 13, 2020, 6:32 PM IST

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