भोपाल।शुभंकर कहे जाते रहे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के खिलाफ पार्टी के भीतर से उठ रही आवाजें क्या चुनाव के चार महीने पहले कड़े इम्तेहान से गुजर रही पार्टी की सेहत के लिए मुफीद है. क्या वजह है कि महाकौशल से बुंदेलखंड और मालवा से ग्वालियर चंबल तक पार्टी प्रदेश अध्यक्ष से नाराज नेताओं की कतार बढ़ती जा रही है. पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने तो पार्टी छोड़ दी, लेकिन कितने और नेता हैं, जो बीजेपी में सफोकशन महसूस कर रहे हैं. अनुशासित कही जाने वाली बीजेपी में बागी तेवरों का ये संक्रमण नजदीक आते चुनाव में कितना घातक होगा.
वीडी पर बढ़ते वार लगातार: प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा पर पिछले एक महीने में पार्टी के भीतर से ही वार तेज हुए हैं. शुरुआत दीपक जोशी से हुई. हालांकि बीजेपी में पूर्व मंत्री रहे दीपक जोशी ने बड़ा निशाना सीएम शिवराज पर साधा, लेकिन वीडी शर्मा को लेकर भी शिकायतें थी. दीपक जोशी जिस ढंग से पार्टी छोड़ कर गए. पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा से लेकर पार्टी के मार्गदर्शक मंडल के नेताओं ने इसे संगठन की नाकामी करार दिया कि समय रहते स्थिति संभाली नहीं गई. वरना चुनाव के पहले बगावत के सुर सुनाई नहीं देते. दीपक जोशी के बाद हरेन्द्रजीत सिंह बब्बू का बयान तो हैरान कर देने वाला था. हालांकि पूर्व मंत्री बब्बू ने बाद में अपने बयान से यू टर्न भी ले लिया, लेकिन राजनीति में जुबान से निकला तीर फिर कब वापस हुआ है. वीडी शर्मा पर गुटबाजी से लेकर हत्या करवाने तक के गंभीर आरोप लगा चुके बब्बू बयान से पलटे भी, लेकिन ये सवाल कायम है कि बब्बू को ये बयान देने की नौबत क्यों आई. अगर उनके बगावत के अंदाज की भनक थी, पार्टी को तो समय रहते संभाल क्यों नहीं हुई.