हैदराबाद।एक बहुत बड़ा पिंड पृथ्वी की ओर तेजी से बढ़ रहा है. नासा वैज्ञानिकों का कहना है कि शुरुआत में इसे गृह समझ लिया गया था. हालांकि बाद में गहन अध्ययन और रिसर्च के बाद खुलासा हुआ कि यह एक उल्कापिंड है. वैज्ञानिकों ने इसके पृथ्वी से टकराने की बात को लेकर भी खुलासा किया है.
सबसे पहले 23 जून को देखा गया था उल्कापिंड
एस्ट्रोनॉमर्स ने इस 62 मीटर बड़े उल्कापिंड को स्पेस से पृथ्वी की तरफ अचानक आते देखा. इससे पहले एस्ट्रोनॉमर्स ने इतना बड़ा टुकड़ा कभी नहीं देखा था. इस पिंड को देखकर वह भी अचंभित हैं. ऐसे में कभी उनकी नजर इस पर पहले कैसे नहीं पड़ी थी. इसे सबसे पहले 23 जून को देखा गया, जिसके बाद हड़कंप मच गया. उस समय इसे छोटा सा पत्थर माना गया, लेकिन अब पता चला है कि यह एक ग्रह जितना बड़ा है. इसे चिली (Chile) के सरो तोलोलो इंटर अमेरिकन ऑब्जर्वेटरी (Cerro Tololo Inter-American Observatory) के डार्क एनर्जी कैमरा (Dark Energy Camera) से स्पॉट किया गया.
अभी तक का सबसे बड़ा उल्कापिंड
इसका नाम C/2014 UN271 रखा गया है. इसके अलावा इसे Bernardinelli-Bernstein नाम दिया गया है. पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी के इन दो खोजियों ने ही इसकी खोज की थी. उनके नाम पर ही इस उल्कापिंड का नामकरण किया गया है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये अब तक का देखा गया सबसे बड़ा उल्कापिंड है. आम तौर पर किसी उल्कापिंड को सूर्य का पूरा चक्कर लगाने में 200 साल लगते हैं. लेकिन ये बीते 6 लाख सालों से चक्कर काट रहा है.
21 मार्च को धरती के पास से गुजरेगा, 2001 एफओ32 ऐस्टरॉइड
एस्ट्रोनॉमर्स ने बताया कि इस उल्कापिंड को स्टडी करने के लिए अभी उनके पास 10 साल का समय है. 23 जनवरी 2031 को ये पृथ्वी के सबसे नजदीक होगा. हालांकि, इसके टकराने की संभावना ना के बराबर है. ये इतना बड़ा है कि अगर गलती से भी टकराने की संभावना होती तो पृथ्वी की तबाही तय थी. इसने कई एस्ट्रोनॉमर्स का ध्यान आकर्षित किया है. अब सभी इसकी स्टडी कर ज्यादा से ज्यादा जानकारी जमा करने में जुट गये हैं.