भोपाल।असिस्टेंट इंजीनियर हेमा मीणा के ठिकानों पर गुरुवार सुबह से ही सर्चिंग अभियान चलाया जा रहा है. वे मध्यप्रदेश पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन में बतौर प्रभारी सहायक यंत्री (संविदा) पदस्थ हैं. लोकायुक्त पुलिस को लंबे समय से उनके खिलाफ शिकायत मिल रही थी. इसके बाद आज हेमा मीणा के ठिकानों पर लोकायुक्त का छापा पड़ा है. हेमा के तीन ठिकानें हैं और इनमें से भोपाल के बिलखिरिया थाना अंतर्गत बने उनके आवास और रायसेन जिला मुख्यालय के पास बने फार्म हाउस पर रेड चल रही है.
30 हजार की सैलरी में लगी 30 लाख की लाइटें: दरअसल, लोकायुक्त टीम इनके तीनों ठिकानों पर सुबह पहुंच गई थी. सूत्रों ने बताया कि हेमा ने अपने घर में महंगी लाइट लगवा रखी है. इनकी कीमत 30 लाख रुपए तक है, जबकि हेमा की सैलेरी 30 हजार रुपए महीने ही है. अब तक मिली जानकारी के अनुसार कुल आय से करीब 250 फीसदी प्रापर्टी मिली है. हेमा मूल रूप से रायसेन जिले के चपना गांव की रहने वाली है. वर्ष 2016 से वह मप्र पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन में पदस्थ है. इससे पहले वह कोच्चि में पदस्थ थी. लोकायुक्त पुलिस ने वर्ष 2011 से उसकी आय का मूल्यांकन किया और इसके बाद से जुटाई गई संपत्ति को आधार बनाकर कार्रवाई की जा रही है. मौके पर दस्तावेजों को पूरा ढेर मिला है और सुबह से दोपहर तक इनकी गिनती नहीं हो पाई है. भोपाल के अरुण ठाकुर नामक शख्स ने हेमा मीणा के खिलाफ वर्ष 2020 में आय से अधिक संपत्ति होने की शिकायत की थी और इसके बाद जांच शुरू की गई थी. लोकायुक्त एसपी मनु व्यास ने बताया कि इंजीनियर हेमा मीणा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में केस दर्ज किया गया है. विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम भोपाल से सर्च वारंट लेकर कार्रवाई की जा रही है.