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भोपाल के कोविड अस्पतालों में 60 फीसदी बेड हुए फुल, स्थानीय प्रशासन की उड़ी नींद

कोरोना काल में राजधानी भोपाल में हालात बिगड़ते जा रहे हैं. कोविड हॉस्पिटल्स में करीब 60 फीसदी बेड फुल हो गए हैं. ऐसे में प्रशासन के सामने मरीजों को बेड उपलब्ध करना एक चुनौती बन गया है.

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राजधानी में कोरोना का हाहाकार

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Published : Aug 4, 2020, 2:46 PM IST

भोपाल। भोपाल अब धीरे-धीरे कोरोना संक्रमण की भी राजधानी बनता जा रहा है. शासन-प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद भी स्थिति सुधरने के बजाय और ज्यादा बिगड़ती जा रही है. संक्रमण को रोकने के लिए शहर में चलाया गया किल कोरोना अभियान हो या फिर 10 दिन का लॉकडाउन या रैपिड एंटीजन टेस्ट. इन तमाम उपायों के बावजूद संक्रमण फैलने की रफ्तार थमने की बजाय और तेज हो गई है. संक्रमण ने आम आदमी से लेकर वीआईपी किसी को भी नहीं बख्शा. प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान से लेकर उनके कैबिनेट के मंत्री, विधायक, संगठन के नेता, विपक्ष के नेता सभी इसकी जद में आ चुके हैं. इन सबके बीच व्यवस्थाओं की बात करें तो वो भी अब कम पड़ती हुई दिखाई दे रहीं हैं.

राजधानी में कोरोना का हाहाकार
  • शहर के कोविड हॉस्पिटल्स में अब तक करीब 60 फीसदी बेड फुल हो चुके हैं. कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए अब सिर्फ 40 फीसदी बेड ही उपलब्ध हैं. ये हालात तब हैं, जब न केवल सरकारी अस्पतालों, बल्कि कुछ निजी अस्पतालों में भी कोविड-19 के इलाज की व्यवस्था की जा चुकी है.
  • कोविड सेंटर्स में बेड की उपलब्धता देखें, तो इस समय कोविड सेंटर्स में करीब 18 सौ के आस-पास बेड की व्यवस्था की गई है. एम्स भोपाल में कुल 300 बेड हैं. जिसमें से 30 बेड आईसीयू में हैं. यहां करीब 165 मरीज इलाजरत हैं. जिसमें से 22 मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं.
  • हमीदिया अस्पताल में कुल 540 बेड हैं. जिसमें 40 आईसीयू,100 एसडीयू और 400 जनरल बेड हैं. यहां 195 मरीज इलाजरत हैं. जिसमें से 44 मरीज आईसीयू में और 22 मरीज वेंटिलेटर पर हैं.
  • चिरायु अस्पताल में करीब 800 बेड हैं. जिसमें से 340 बेड ऑक्सीजन सपोर्ट वाले हैं. यहां अभी करीब 700 मरीज इलाजरत हैं. जिसमें से 100 मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं.
  • शासकीय होम्योपैथिक अस्पताल में 85 बेड की व्यवस्था है. यहां बिना लक्षण वाले और कम लक्षण वाले मरीजों का इलाज होम्योपैथिक पद्धति से किया जा रहा है. इसके अलावा टीबी अस्पताल में भी 100 बिस्तरों की व्यवस्था की गई है.

स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान का कहना है कि कोरोना संक्रमण के मामलों में और इजाफा देखा जा सकता है. हम अपनी क्षमता बढ़ाने का काम कर रहे हैं. हमारे लिए सबसे जरूरी बात ये है कि कोई भी संक्रमित मरीज जिसे बेड की जरूरत है, उसके लिए हर हाल में बेड उपलब्ध कराया जा सके.

वहीं कलेक्टर अविनाश लवानिया के मुताबिक प्रशासन तमाम स्थितियों पर नजर बनाए हुए है. संक्रमण भले ही बड़ रहा हो लेकिन अस्पतालों में इलाज की पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध हैं.

वर्तमान में शहर में लगातार बढ़ रही कोरोना संक्रमितों की संख्या और व्यवस्थाओं की तुलना करने पर ये साफ तौर पर देखा जा सकता है कि जिस गति से शहर में संक्रमण के नए मामले रोजाना सामने आ रहे हैं, ऐसे में प्रशासन को अपनी व्यवस्थाओं में तेजी लानी होगी. तभी इस महामारी से लड़ने में कामयाबी मिल सकेगी.

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