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13 दिन के बाद मंडी व्यापारियों की हड़ताल खत्म, टैक्स में सीएम शिवराज ने दी राहत

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Published : Oct 7, 2020, 12:00 PM IST

मंडी व्यापारियों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से मुलाकात के बाद हड़ताल समाप्त कर दी है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आश्वासन के बाद व्यापारियों ने 13 दिन बाद अपनी हड़ताल खत्म कर दी है. हड़ताल खत्म होने के बाद आज से मध्यप्रदेश के कृषि उपज मंडी में फिर से काम शुरू होगा.

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मंडी व्यापारियों ने समाप्त की हड़ताल

भोपाल। प्रदेश में लंबे समय से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे मंडी व्यापारियों ने सीएम शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात के बाद हड़ताल को समाप्त कर दी है. कृषि मंत्री के हस्तक्षेप के बाद व्यापारियों की बात को सुना गया है. और मंडियों में लगने वाले टैक्स को अब कम कर दिया गया है.

मंडी व्यापारियों के द्वारा की जा रही हड़ताल की वजह से सरकार को भी लगातार राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा था. वहीं मंडियों में हड़ताल की वजह से प्रदेश के किसान भी परेशान हो रहे थे, कई जगह पर किसानों को अपनी फसल मंडी में तय किए गए मूल्य से भी कम दामों में बेचकर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा था. हालांकि मध्यप्रदेश सकल अनाज दलहन तिलहन व्यापारी महासंघ समिति के पदाधिकारियों और सदस्यों ने कृषि मंत्री कमल पटेल के साथ मंत्रालय पहुंचकर सीएम शिवराज सिंह चौहान से अपनी विभिन्न मांगों के संबंध में मुलाकात की है.

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने समिति के सदस्यों बताया कि मंडियों को स्मार्ट स्वरूप दिया जा रहा है. मंडी परिसर मल्टीपरपज कैंपस के रूप में विकसित किए जा रहे हैं. केंद्र द्वारा द फार्मर प्रोड्यूसर ट्रेड एंड कॉमर्स अध्यादेश लागू होने के बाद किसानों और व्यापारियों को मंडी परिसर में निरंतर बेहतर सुविधा मिलती रहे, इसके लिए आवश्यक संरचना और रखरखाव पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. सीएम ने जानकारी दी कि अभी तक मंडी में लगने वाला टैक्स एक रूपये 50 पैसे के करीब होता था, लेकिन अब मंडी फीस की दर 50 पैसे होने से किसानों को राहत मिलेगी

मॉडल मंडी बोर्ड एक्ट से किसान होगा मजबूत

प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल का कहना है कि भारत सरकार ने मंडी बोर्ड एक्ट में संशोधन किया है और मॉडल मंडी बोर्ड एक्ट लेकर आए हैं. प्रदेश सरकार ने भी किसानों के हित में मॉडल मंडी बोर्ड एक्ट बनाया है. उन्होंने कहा कि अब किसान मजबूर नहीं बल्कि मजबूत होगा. अब किसान मंडी में ही माल बेचने के लिए मजबूर नहीं रहेगा बल्कि वह घर में भी अपनी फसल को बेच सकता है.

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