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लॉकडाउन में अनुमति के बाद भी गिने-चुने उद्योग ही शुरू हो पाए - lockdown in bhopal

ग्रीन जोन में आने वाले उद्योग भी रफ्तार नहीं पकड़ पा रहे हैं, मजदूरों और कच्चे माल की कमी की वजह से गिने-चुने उद्योग ही शुरू हो पाए हैं.

30% industry starts, contract labor increases due to difficulty
30 फीसदी उद्योग शुरू

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Published : May 18, 2020, 10:22 AM IST

भोपाल। राज्य ने कुछ शर्तों के साथ ग्रीन जोन में उद्योगों को शुरू करने की अनुमति दी थी, जिसके बाद भी उद्योगों में पूरी तरह से काम शुरू नहीं हो पा रहा है. मजदूरों और रॉ मटेरियल की कमी की वजह से गिने-चुने उद्योग ही शुरू हो पाए हैं. उद्योगपतियों के मुताबिक अधिकांश मजदूर अपने घर लौट चुके हैं और जो बचे हैं, वो डर की वजह से काम पर नहीं आ रहे हैं, उम्मीद है जल्द काम पूरी तरह से शुरू हो जाएगा.

उद्योगपति मनोज मोदी ने बताया कि उद्योग शुरु होना आसान नहीं है

भोपाल से सटे 2 हजार हेक्टेयर के औद्योगिक क्षेत्र वाले मंडीदीप में 380 उद्योग संचालित होते हैं, मंडीदीप में करीब 60 हजार से ज्यादा मजदूर काम करते हैं, लेकिन लॉकडाउन की वजह से अधिकांश मजदूर अपने अपने गांव जा चुके हैं, यही वजह है कि 380 में से अभी तक 200 यूनिट ही शुरू हो पाई है, करीब 180 कारखानों में मजदूरों की कमी की वजह से काम शुरू नहीं हो पाया है. इसकी एक बड़ी वजह मजदूरों की कमी बताया जा रहा है. वहीं कच्चे माल की आपूर्ति और बाजार बंद होने की वजह से निर्यात नहीं हो पाना भी एक बड़ी वजह है.

मंडीदीप इंडस्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष डीके जैन के बताया कि अभी प्रोडक्शन का अनुपात देखा जाए तो ये करीब 10 फीसदी ही है, लेकिन जैसे-जैसे मार्केट खुलता जाएगा, प्रोडक्शन में भी तेजी आती जाएगी. अभी तक फैक्ट्री शुरू करने को लेकर 300 संचालकों को परमिशन मिली है, जिन उद्योगों में काम शुरू हुआ है, उसमें भी सिर्फ 30 फीसदी काम ही शुरू हो पाया है.

एसोसिएशन ऑफ ऑल इंडस्ट्रीज अध्यक्ष राजीव अग्रवाल कहते हैं कि कॉटन, यार्न, दवा, चावल और ट्रांसफार्मर सहित कई सेक्टरों के प्रोडक्ट देश के बाहर भी सप्लाई होते हैं, डिमांड कम होने की वजह से अभी उत्पादन कम हो रहा है.

एसोसिएशन से जुड़े उद्योगपति मनोज मोदी के मुताबिक सिर्फ उन्हीं मजदूरों की कमी आई है, जो कांट्रैक्टर के जरिए फैक्ट्रियों में लगे होते थे, बाकी फैक्ट्रियों के पास पर्याप्त स्टाफ हैं, जिनको परमिशन मिल चुकी है. उनमें से अधिकांश में काम भी शुरू हो गया है. जैसे-जैसे मार्केट डिमांड आती जाएगी, उद्योगों के काम में बढ़ोत्तरी होती जाएगी.

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