Satpura Bhawan: डॉ गोविंद सिंह का गंभीर आरोप, बोले- घोटालों के सबूत मिटाने सरकार ने लगवाई आग, महाकाल लोक पर भी दिया बयान
राजधानी में मंत्रालय में आग लगी, उसी आग में स्वास्थ्य विभाग के हजारों करोड़ों के भुगतान संबंधी, नर्सिंग कॉलेज घोटाले, आयुष्मान घोटाले, ट्रेंडिंग घोटाले और कोरोना काल में बिना दवा खरीदे हुए भुगतान किए जाने समेत कई घोटालों को उजागर करने वाले महत्वपूर्ण दस्तावेज और लोकायुक्त जैसे प्रकरणों में फंसे भ्रष्ट अधिकारियों की जांचों के अहम दस्तावेज सतपुडा भवन में लगी आग में फूंक दिए गए हैं. यह आग लगी नहीं बल्कि घोटालों को दबाने के लिए लगायी गई है सरकार पर ये आरोप है, मध्य प्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष का.. आइए जानते हैं मीडिया से और क्या कुछ कहा डॉ गोविंद सिंह ने…
गोविंद सिंह
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Published : Jun 16, 2023, 10:26 PM IST
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Updated : Jun 16, 2023, 10:31 PM IST
भिंड। मध्य प्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह अपने बयानों को लेकर हमेशा ही चर्चा में रहते हैं. खुद मुख्यमंत्री हो सरकार या प्रशासन नेता प्रतिपक्ष किसी के सामने अपनी बात रखने से नहीं चूकते. हाल ही में राजधानी भोपाल में सतपुड़ा भवन में लगी आग मामले को भी विपक्ष के नेता पूरी दमदारी से उठा रहे हैं. उन्होंने महाकाल लोक निर्माण में हुए भ्रष्टाचार के साथ ही मंत्रालय की आग पर बड़ा बयान दिया है.
बीजेपी ने 300 करोड़ के प्रोजेक्ट पर खर्च किए 850 करोड़:अपने गृह जिला भिंड के प्रवास पर पहुंचे डॉक्टर गोविंद सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर प्रदेश में भ्रष्टाचार को लेकर मीडिया से सीधी चर्चा की. नेता प्रतिपक्ष ने महाकाल लोक निर्माण में हुए भ्रष्टाचार को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस प्रोजेक्ट की स्वीकृति कांग्रेस की सरकार के समय हुई थी, लेकिन अब तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 300 करोड़ की लागत का ये पूरा प्रोजेक्ट तैयार कर फंड रिलीज किया था, लेकिन बीजेपी ने आने के बाद इसके निर्माण पर 850 करोड़ से अधिक की राशि खर्च कर डाली.
श्रद्धालुओं के साथ भगवान से भी धोखा कर गई बीजेपी: डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने सरकार की आड़ में भगवान महाकाल के साथ धोखाधड़ी की है. इस देश के करोड़ों श्रद्धालुओं और हिंदू धर्म के लोगों की आस्था को चोट पहुंचाई है. भगवान महाकाल को भी धोखा देने से बीजेपी ने कोई परहेज नहीं किया. एक और महाकाल लोक के पास ही सिंधी समाज के भगवान झूलेलाल की मूर्ति मंदिर स्थापित हुई थी, यह प्रतिमा भी उन्हीं ने बनायी. जिन्होंने महाकाल लोक के लिए सप्तऋषि की मूर्ति बनाई, लेकिन झूलेलाल की प्रतिमा महज 4 लाख 11 हजार रुपए में बनकर तैयार हुई. जबकि उसी मटेरियल और उसी की तरह तैयार की गई थी, लेकिन इसके लिए 30 गुना अधिक भुगतान किया गया है. बावजूद इसके झूलेलाल की प्रतिमा आज भी सुरक्षित है, उस पर आंधी पानी का कोई असर नहीं हुआ, यह कर घोटालों की पोल खोलती है.
नर्सिंग घोटाले में था सीएम का नाम:नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने राजधानी भोपाल में सतपुड़ा भवन में लगी छह मंजिल की आग और उसमें हुए नुकसान पर भी बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि यह पूरी आग अपने आप नहीं बल्कि सोची समझी योजनाबद्ध तरीके से साजिश के तहत लगायी गई है. उन्होंने कहा कि सतपुड़ा भवन में उस आग कि चपेट में 10-12 हजार करोड़ के स्वास्थ्य विभाग के भुगतानों, नर्सिंग कॉलेज घोटाले, आयुष्मान घोटाले, ट्रेंडिंग घोटाले और कोरोना काल में बिना दवा ख़रीदे हुए भुगतान किए जाने के अनुसूचित जाति के छात्रों के साथ हुए तीन हजार करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले समेत ऐसे कई घोटालों को उजागर करने वाले महत्वपूर्ण दस्तावेज थे. खास कर ग्वालियर हाईकोर्ट द्वारा 64 नर्सिंग कॉलेज के भ्रष्टाचार को पकड़ा था. सीबीआई के माध्यम से 300 कॉलेजों के दस्तावेज जिनके मंत्री सहित मुख्यमंत्री के भी कागजात होने की जानकारी मिली है. जिन पर उनके दस्तखत थे, नियमों के विरुद्ध थे. इनको जलवा कर दस से बारह हजार के घोटाले को दबाने का प्रयास सरकार ने किया है.
हर चुनाव से पहले सबूत मिटाने लगती आग:नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल में 2015 से लेकर अब तक सचिवालय, विंध्याचल भवन, सतपुड़ा भवन इन सब में मिल कर करीब 15 बार आग लगी है. खासकर जब-जब चुनाव आए तब तब आग लगी. 2013 में आग लगी चुनाव से पहले 2018 में आग लगी चुनाव से पहले और आज भी जब 2023 में नवंबर-दिसंबर में चुनाव होना है, इससे पहले आग लगातार अहम सबूत दस्तावेजों को भी नष्ट कर दिया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लोकायुक्त ने भी 200 से लेकर 300 अधिकारी कर्मचारी जो भ्रष्टाचार में लिप्त रहे उनकी जांच कर उन्हें जेल भेजने के संबंध में ही अपनी रिपोर्ट पर चालान दिए हैं. सरकार को इन पर कार्रवाई के संबंध में उनको भी पूरी तरह आग में जलवा कर नष्ट कर दिया गया है. यह आग लगी नहीं है, ऐसे सरकार ने जानबूझ का योजनाबद्ध तरीके से लगाई गई है, क्योंकि एक साथ छह मंजिल में आग लगी, लेकिन भवन में 2 हजार कर्मचारी होने के बावजूद कोई भी घायल नहीं हुआ, कोई गैस की चपेट में नहीं आया सारे के सारे कर्मचारी सुरक्षित बाहर आ चुके थे. यदि वे कर्मचारी 4 चार फाइलें भी अपने साथ लेकर निकले होते तो शायद एक भी फाइलें जल न पाती.