Ketu Gochar 2023:ग्रह दशा, नक्षत्र और कुंडली ये ज्योतिष का लेखा जोखा है जिसका संबंध ना सिर्फ आम मनुष्य बल्कि देवताओं से भी माना जाता है. ज्योतिष में नक्षत्रों का भी बहुत महत्व है. कुल 27 नक्षत्र जिनके हर नक्षत्र के चार पद बताये गए हैं और 12 राशि मानी गई हैं. जब कोई ग्रह किसी राशि या नक्षत्र में प्रवेश करता है तो इसका प्रभाव सभी राशियों पर होता है. 26 जून को मोक्ष, अध्यात्म, वैराग्य, तंत्र के कारक केतु 27 में से 14वें नक्षत्र यानी चित्रा नक्षत्र में प्रवेश कर रहे हैं. जिससे राशि चक्र की सभी राशियां प्रभावित होंगी. किसी पर इसका प्रभाव अच्छा तो किसी पर बुरा प्रभाव रहेगा.
मेष- केतु के चित्र नक्षत्र में प्रवेश से विवाह संबंध में हौदा होगा, वैवाहिक जीवन की समस्याएं दूर होंगी. जीवनसाथी के साथ रिश्ते मधुर होंगे, अविवाहितों को जल्द विवाह योग बनने के आसार हैं. हालांकि यह कुंडली में शुक्र की दशा पर निर्भर होगा.
वृषभ- जीवन सुखद और फलदायी बनेगा, छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी और मेहनत का फल मिलेगा. केतु इस राशि की कुंडली में छठे भाव में हैं और वे इस राशि के स्वामी हैं तो शुभ प्रभाव रहेगा. यदि महासभा उपयुक्त हो तो जातकों को विदेश जाने और वहां बसने का भी मौका मिल सकता है.
मिथुन- पांचवें भावि में केतु मौजूद हैं जिसका प्रभाव नकारात्मक रहेगा. जीवन में कठनाई बढ़ेगी. प्रेम सम्बंध में समस्याएं आयेंगी, माता पिता को भी अपने बच्चों की और से परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. छात्र जातकों को भी पढ़ाई में दिक्कतें आने की सम्भावना है.
कर्क- इस राशि पर केतु का प्रभाव शुक्र और चन्द्र की दशा पर निर्भर करेगा यदि चौथे भाव के स्वामी यानी शुक्र अच्छी स्थिति में है तो अच्छा रहेगा अन्यथा माता पिता से संबंध में खटास आ सकती है. वही, शुक्र के साथ चंद्र शुभ स्थिति में होंगे तो किसी तरह का कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं रहेगा. अन्यथा परिवार में तनाव की स्थिति बन सकती है.
सिंह- इस राशि में केतु तीसरे भाव में गोचर करेंगे, फल स्वरूप आपकी भाई-बहन से अनबन हो सकती है. प्रियजनों के बीच संवेदनहीनता आ सकती है. हालांकि कुंडली में बुध की स्थिति सिंह राशि के जातकों के लिए शुभ होती है. ऐसे में वह जल्दी स्थिति को खराब नहीं होने देता. साथ ही यदि कुंडली में मंगल की दशा अच्छी रही तो केतु जातकों को साहस और बल प्रदान करेगा. फिर भी संभलकर रहने की आवश्यकता है.
कन्या-केतु के प्रभाव से कन्या राशि के लिए उनकी वाणी उनकी दुश्मन बन सकती है. क्यूंकि इनका गोचर कुंडली के दूसरे भाव में होगा. जिसके असर से आपकी वाणी में कठोरता हो सकती है जो बनते काम बिगाड़ने का काम करेगी. आर्थिक परेशानियों खड़ी हो सकती हैं. परिवार के साथ भी संबंधों में उतार चढ़ाव आ सकते हैं. इसलिए शब्दों का चयन सोच समझकर करें.