भिंड। अन्नदाता नई सरकार की बेरुखी से परेशान है. किसान पहले सूखा फिर अधूरी कर्जमाफी, अतिवृष्टि और अब गेहूं की फसल के बोनस नहीं मिलने से परेशान है. किसानों का 12.5 करोड़ का बोनस अटका हुआ है.
जिले भर में 10 हज़ार से ज्यादा किसान 6 महीने से गेहूं की फसल बेचकर अपने बोनस राशि का इंतजार कर रहे हैं लेकिन सरकार हर बार खजाना खाली बताकर पल्ला झाड़ देती है. बोनस नहीं मिलने से परेशान किसानों का कहना है कि फसल बेचे 6 महीने बीत चुके हैं लेकिन अब तक यह पता नहीं चल पा रहा है कि बोनस राशि कब तक मिलेगी किसी को 5000 रुपय तो किसी का 15000 रुपय का बोनस अटका हुआ है. वहीं किसानों को मिलने वाली गेहूं फसल बिक्री पर बोनस राशि ₹200 से घटाकर ₹160 प्रति क्विंटल कर दी फिर भी किसानों ने समर्थन मूल्य पर क्यों बेचा गेहूं की मूल रकम तो मिल गई लेकिन कई इलाकों में गेहूं का बोनस अब तक नहीं मिला है. किसानों के पास अगली फसल के लिए बीज खाद खरीदने के लिए पैसा नहीं है लेकिन इसकी कोई सुनवाई नहीं कर रहा है.इस मामले में कलेक्टर छोटे सिंह का कहना है कि अभी तक बांटने के लिए शासन ने बोनस राशि नहीं दी है जब राशि मिल जाएगी तो बोनस जल हितग्राहियों के खाते में पहुंचा दिया जाएगा. बीजेपी किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष अजय सिंह भदौरिया ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधा उन्होंने कमलनाथ सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया साथ ही जिले के किसानों की हालत के लिए सीएम कमलनाथ को दोषी ठहराया जिल पर कांग्रेस के नेता रमेश दुबे ने शासकीय प्रक्रिया के तहत काम होने का हवाला देते हुए सरकार के पास बजट की कमी की बात स्वीकारी. वहीं बीजेपी के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी यह कहने का अधिकार खो चुकी है क्योंकि प्रदेश में दिवालियापन लाने वाली बीजेपी ही है.