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नियमितीकरण की मांगः हड़ताल पर बैठे सहकारी समितियों के कर्मचारी - भिंड में हड़ताल पर बैठे सहकारी समितियों के कर्मचारी

जिले के सहकारी समितियों के प्रबंधक सहित सभी कर्मचारियों ने नियमितीकरण की मांग को लेकर हड़ताल कर दी है. आंदोलनकारी कर्मचारी जिला पंचायत परिसर में धरने पर बैठे. इन लोगों की मांग है कि शासकीय कर्मचारियों की तरह सहकारी समितियों के कर्मचारियों को भी नियमित करते हुए शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाए.

Employees of cooperative societies sitting on strike
हड़ताल पर बैठे सहकारी समितियों के कर्मचारी

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Published : Feb 7, 2021, 6:38 PM IST

भिंड। जिले की सहकारी समितियों के प्रबंधक सहित सभी कर्मचारियों के हड़ताल पर है. ऐसे में भिंड जिले में खाद्यान्न वितरण का काम तो अटका ही हुआ है, साथ ही समर्थन मूल्य पर गेहूं और सरसों की फसल का पंजीयन कार्य भी प्रभावित हो रहा है. कर्मचारियों ने अपनी मांग को लेकर जिला पंचायत परिसर में बैठकर धरना भी शुरू कर दिया है. इस दौरान उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

हड़ताल पर बैठे सहकारी समितियों के कर्मचारी
  • कई बार किया प्रदर्शन, मिला सिर्फ आश्वासन

प्रदर्शन कर रहे मध्य प्रदेश सहकारिता समिति कर्मचारी महासंघ के जिला अध्यक्ष प्रदीप सिंह परिहार का कहना है कि लंबे समय से सहकारी समितियों के कर्मचारियों की मांग चली आ रही है. लेकिन हमेशा से ही सिर्फ आश्वासन ही दिया जा रहा है. सरकार कहती है कि अपनी हड़ताल बंद कर दो हम आपकी मांगों को पूरा करेंगे, लेकिन आज तक मांगे पूरी नहीं हुई.

  • कर्मचारियों की प्रमुख मांगें

धरना दे रहे समिति के कर्मचारियों की प्रमुख मांग है कि सहकारी समितियों के प्रभारी प्रबंधक, सहायक प्रबंधक, विक्रेताओं, लेखपाल, लिपिक कंप्यूटर ऑपरेटर और चौकीदारों को शासकीय कर्मचारी घोषित करते हुए सरकार के अन्य कर्मचारियों की तरह उन्हें भी सुविधाएं दी जाएं. साथ ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सरकार ने जो राशन काटा है. उसका तुरंत आवंटन जारी किया जाए. कर्मचारियों पर मामले दर्ज कराए गए हैं, उन्हें वापस लिया जाए. इसके अलावा पीडीएस कमीशन का भी भुगतान किया जाए.

  • हड़ताल जारी रही तो बढ़ेगी परेशानी

भिंड जिले में 168 सहकारी समितियां है. जिन पर 508 शासकीय उचित मूल्य की दुकानें हैं. हड़ताल पर चले जाने की वजह से इन दुकानों पर काम बंद हो गया है. राशन मिलने का संकट खड़ा हो गया है. वहीं वर्तमान में समर्थन मूल्य पर गेहूं और सरसों की खरीदी के लिए भी पंजीयन कार्य चल रहा है. यदि हड़ताल इसी तरह जारी रही तो हितग्राही और किसान दोनों के लिए ही परेशानियां बढ़ जाएगी. क्योंकि समिति प्रबंधकों और उनके कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने की वजह से किसानों को पंजीयन के लिए प्राइवेट दुकानों का रुख करना पड़ रहा है.

  • कर्मचारियों की सरकार को चेतावनी

आंदोलनकारी कर्मचारियों ने मध्य प्रदेश सरकार को चेतावनी दी है कि, यदि उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वे जल्द ही कलम बंद हड़ताल पर चले जाएंगे. यह हड़ताल अनिश्चितकालीन होगी.

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