भिंड।राजधानी दिल्ली में किसान आंदोलन को लेकर हुई हिंसा पर दिल्ली क्राइम ब्रांच ने अदालत में दायर आरोप पत्र में यह खुलासा किया गया कि गणतंत्र दिवस के मौके पर लाल किले के भीतर और बाहर हुई हिंसा की साजिश बीते नवंबर में ही रच ली गई थी. इसके बाद से लगातार हिंसा की तैयारी की गई और गणतंत्र दिवस के दिन इसे अंजाम दिया गया. लाल किले पर हिंसा का दिन गणतंत्र दिवस इसलिए चुना गया क्योंकि इससे सरकार की बदनामी होगी.
क्राइम ब्रांच के इस खुलासे के बाद किसान संगठनों ने प्रतिक्रिया दी है. मुख्य किसान संगठन के नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इस पूरी कार्रवाई और केस पर सवाल उठाए है. भिंड में आंदोलन का हिस्सा रहे कम्युनिस्ट पार्टी के नेता बीके बोहरे ने इस मामले पर कहा है कि 26 जनवरी के दिन जिस तरह से हिंसा हुई इसमें किसान संगठनों का कहीं कोई हाथ नहीं था उनका कहना है कि सरकार पर दबाव बनाने के लिए लगातार किसान अपने स्तर पर आंदोलन जारी रखे हैं हिंसा से किसानों का कोई संबंध नही है यह इस आंदोलन को बदनाम करने की साजिश है.
झूठ का पुलिंदा पुलिस की चार्जशीट
दूसरी ओर जब किसान आंदोलन के घायलों में मुख्य रूप से शामिल रहे अखिल भारतीय किसान महासभा की ओर से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एड. देवेंद्र सिंह चौहान ने सरकार पर जमकर हमला बोला है. चौहान का कहना है कि इस तरह की चार्टशीट उन्होंने आज तक नहीं देखी जहां अधिकारियों ने झूठ का इतना बड़ा पुलिंदा तैयार किया है उन्होंने इसे केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित षड्यंत्र बताया.
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