भिंड। जिले के आलमपुर एसबीआई बैंक में एक नंबर के दो खाते सामने आने के बाद से ही हड़कंप मचा हुआ है. बैंक की गड़बड़ी से एक शख्स की गाढ़ी कमाई कोई दूसरा उसी खाते से निकालता रहा. मामला सामने आने के बाद पैसे निकालने वाले हुकुम सिंह बघेल ने संबंधित व्यक्ति का पैसा वापस करने की बात कही है.
हुकुम सिंह बघेल का बैंक को दिया गया शपथ पत्र क्या था पूरा मामला
भिंड जिले के रूरई गांव के रहने वाले हुकुम सिंह कुशवाह और रोनी गांव के रहने वाले हुकुम सिंह बघेल नाम के दो शख्सों ने आलमपुर के एसबीआई ब्रांच में खाता खुलवाया था. लेकिन बैंक प्रबंधन ने दोनों की पासबुक में सिर्फ फोटो अलग-अलग लगाई. जबकि दोनों का पता और खाता नंबर एक ही दे दिया. यानी खाता एक और मालिक दो, खाता खुलवाने के बाद रूरई गांव का हुकुम सिंह कुशवाहा काम करने के लिए हरियाणा चला गया. जहां से वह पैसे बचाकर खाते में जमा करवाता रहा. उधर रोनी गांव का हुकुम सिंह बैंक पहुंचकर पैसे निकालता रहा.
हुकुम सिंह कुशवाह ने जब बैंक की पहुंचकर खाते की जानकारी ली तो उसके होश उड़ गए. क्योंकि उसने बैंक में अब तक खाते में 1 लाख 40 हजार रुपए जमा कर चुका था. जबकि उसके खाते में महज 34 हजार 400 रुपए ही बचे थे. जब उनसे बैंक से स्टेटमेंट निकाला था. तो पूरे मामले का खुलासा हुआ.
हुकुम सिंह बघेल ने कहा लौटा दूंगा पैसे हुकम सिंह कुशवाहा का पैसा निकाला हुकुम सिंह बघेल ने
हुकुम सिंह कुशवाहा का पैसा हुकुम सिंह बघेल ने निकाला था. उसने बताया कि उसके खाते में जो पैसा आया वह किसी और का था. इसकी उसे जानकारी नहीं थी. उसने सोचा कि यह पैसा पीएम मोदीजी डाल रहे हैं. इसलिए अकाउंट से पैसा निकाल कर खर्च कर दिए. अब हुकुम सिंह बघेल ने बैंक के दबाव में एक शपथ पत्र जमा किया है जिसमें लिखा है कि उसने 89 हजार रुपए जो खाते से निकाले थे. उसे वह तीन किस्तों में जल्द से जल्द संबंधित व्यक्ति को वापस कर देगा.
एक ही नंबर के दो खातों का मामला गलती या घोटाला
इस पूरे मामले में कहीं ना कहीं बैंक प्रबंधन की बड़ी भूमिका नजर आती है. क्योंकि आज के दौर में जब बैंकिंग सिस्टम पूरी तरह ऑनलाइन हो चुके हैं. ऐसे में हर शख्स को अलग खाता क्रमांक और एक ग्राहक पहचान नंबर दिया जाता है. यह प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होती है. ऐसे में आलमपुर ब्रांच में दो अलग शख्स की पासबुक में खाता संख्या और पता एक ही है जबकि पिता के नाम अलग होने के साथ ही दोनों की फोटो अलग हैं. बावजूद इसके इतनी बड़ी गड़बड़ी कैसे हो सकती है. यह गौर करने वाली बात है ऐसे में इसे अनजाने में हुई गलती नहीं माना जा सकता.