भिंड में सुंदर कांड के लिए पहुंचे अंतरराष्ट्रीय भजन भूषण पंडित मनीष शर्मा का बयान- साईं महापुरुष हो सकते हैं, भगवान नहीं
भिंड में हनुमान जयंती के मौके पर सुंदर कांड के वाचन का आयोजन रखा गया है. अंतरराष्ट्रीय भजन भूषण पंडित मनीष शर्मा के सानिध्य में ये कार्यक्रम होगा. आयोजन से पहले उन्होंने साईं बाबा को लेकर टिप्पणी की है.
साईं बाबा को बताया महान व्यक्ति
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Published : Apr 6, 2023, 8:57 AM IST
हनुमान जयंती पर सुंदरकांड पाठ
भिंड।जिले के लोगों को पिछले कुछ महीनों से भक्तिरस की प्राप्ति हो रही है. पहले पंडित धीरेंद्र शास्त्री फिर उनके गुरु पंडित रामभद्राचार्य, इसके बाद सनातन धारा से जुड़े कई संत अपने सुवचन और प्रवचन देने भिंड आ चुके हैं. अब हनुमान जयंती के अवसर पर नीम करौली बाबा के शिष्य और अंतरराष्ट्रीय भजन भूषण पंडित मनीष शर्मा भिंड में संगीतमय सुंदरकांड का पाठ करेंगे.
सुंदर कांड का वाचन करेंगे पंडित मनीष शर्मा: भिंड जिला मुख्यालय के खंड रोड पर सुंदर कांड का पाठ 6 अप्रैल को सुबह 10 बजे से होने जा रहा है. इस धार्मिक आयोजन में भिंड की समस्त जनता शामिल होगी. इसमें शामिल होने के लिए पहली बार पंडित मनीष शर्मा अपनी मंडली के साथ बुधवार रात भिंड पधारे. मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि ये बहुत ही नेक पहल है कि यहां हनुमान जी का प्रकटोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है. जनता के लिए सदर विधायक द्वारा सुंदर कांड का आयोजन अच्छी पहल है.
साईंबाबा पर भी बोले:सनातन धर्म से जुड़े संत इन दिनों साईं बाबा को लेकर लगातार बयान दे रहे हैं. बागेश्वर धाम के पीठाधीश पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के खिलाफ महाराष्ट्र में FIR दर्ज कराने के लिए शिकायत तक की गई है. भजन भूषण पंडित मनीष शर्मा ने भी साईं बाबा को लेकर अपने विचार स्पष्ट किए हैं. उन्होंने कहा, "ये बात सत्य है कि साईं महापुरुष तो हैं ही लेकिन महा पुरुष और भगवान में बहुत अंतर होता है. स्वयं नारायण के चौबीस अवतारों को हम भगवान के रूप में पूजते हैं जबकि महापुरुष तो बहुत सारे हैं. इन्हीं में से एक साईं बाबा भी हैं." उन्होंने आगे कहा कि अगर किसी की आस्था साईं बाबा में है तो वह उनकी निजी आस्था है. इसको गलत कहना या इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा.
जगह-जगह प्रसाद वितरण: भिंड विधायक संजीव सिंह का कहना है कि हनुमान सभी के आराध्य हैं. उन्हें कलियुग का देवता माना जाता है. हनुमान जयंती के अवसर पर सभी जगहों पर अनुष्ठान होते हैं. लोग भजन, कीर्तन के साथ ही जगह-जगह भंडारा कर प्रसाद वितरण करते हैं. इसी क्रम में एक प्रयास हमने भी किया है.