भिंड।जिला मुख्यालय से महज 40 किलोमीटर दूर स्थित बिरखड़ी ग्राम पंचायत आज भ्रष्टाचार का गढ़ बनी हुई है. चाहे शौचालय निर्माण हो या सड़क निर्माण. विकास कार्यों के नाम पर यहां सरकार को चूना लगाया जा रहा है. तालाबों की खुदाई के नाम पर तो लाखों डकार लिए गए हैं. सरपंच से परेशान ग्रामीणों ने गांव में हुए भ्रष्टाचार की पोल खोलते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं.
सरपंच पति का रौब
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में महिला सरपंच है, लेकिन पूरा काम उसका पति संभालता है. सरपंच पति ने अपने लोगों के साथ मिलकर मनरेगा के तहत मजदूरों की जगह निर्माण कार्यों के लिए मशीनों का उपयोग किया और मस्टर पर लोगों के नाम चढ़ा कर उनके नाम पर फर्जी तरीके से पैसा निकाला गया. गांव के सैकड़ों लोग इस फर्जीवाड़े का शिकार हुए जिन्हें एक पैसा नहीं मिला.ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच ने धोखे से बैंक खाते खुलवाए और अपने लोगों की मदद से पैसा निकाल लिया.
दो साल में उखड़ी सड़कें
ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच ने पहले तो कई सड़कें सेंक्शन कराईं, लेकिन बनाई नहीं वहीं जो कुछ सड़कें बनाई भी गई तो उनमें घटिया किस्म का मटेरियल उपयोग किया गया. नतीजा ये हुआ कि सड़कें 2 साल भी नहीं टिक पाईं. सड़कें चंद महीनों में उखड़ गई.
शौचालय के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार