बैतूल। 'साहब! इस शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार कीजिए, अतिक्रमण पर नकेल कसिए, अतिक्रमण ने ही मेरी मासूम बच्ची की जान ली है', ऐसी गुहार लगाते हुए एक जान गवां चुकी बच्ची की मां ने जिला कलेक्टर के पैर पकड़ लिए. सोमवार की शाम आमला जनपद पहुंचे जिला कलेक्टर राकेश सिंह से उस पीड़ित महिला ने गुहार लगाई, जिसकी मासूम बेटी बीते माह बदहाल यातायात व्यवस्था और अतिक्रमण की भेंट चढ़ गई. शहर की बदहाल यातायात व्यवस्था और अतिक्रमण के चलते लोगों को हो रही परेशानी और इस बारे में शिकवे शिकायतों के बीच बीते माह डाकघर के पास एक मासूम बच्ची को ट्रैक्टर ने कुचल दिया था, जिससे उसकी मौत हो गई. उस समय स्थानीय प्रशासन ने ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने का वादा किया था. प्रशासन के तमाम दावों के बाद एक बार फिर उसी ढर्रे पर शहर की यातायात व्यवस्था को सौंप दिया गया. ऐसे में पीड़ित महिला पूनम वशिष्ठ जिला कलेक्टर को उनकी जिम्मेदारी का स्मरण कराने ही यहां पहुंची थी.
दूसरे की बेटी बचाने के लिए कलेक्टर के पकड़े पैर
अपनी मासूम बेटी को खोने वाली एक पीड़ित मां जिला कलेक्टर से इसलिए गुहार लगा रही है कि कोई और दूसरी बेटी प्रशासन की नाकामी की भेंट ना चढ़ जाए, लेकिन जब जिला कलेक्टर ने भी इस मामले में पीड़ित महिला को कोई अहमियत नहीं दी तो पीड़ित जिला कलेक्टर के पैरों में ही झूल गई और बस प्रार्थना इतनी की कि इस शहर की बदहाल यातायात व्यवस्था, अतिक्रमण और प्रशासन के निकम्मेपन कई और दुर्घटना ना हो. इस मौके पर पीड़िता ने जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन भी सौंपा है जिसमें दोषियों पर कार्रवाई की मांग की गई है.
मामला दर्ज करने की मांग
पीड़ित पूनम अपने परिजनों के साथ अपनी पीड़ा बताने यहां पहुंची थी. पीड़िता ने चर्चा में बताया कि शहर की खराब ट्रैफिक व्यवस्था और अतिक्रमण के चलते उसकी मासूम बेटी की जान चली गई है, अगर शहर की यातायात व्यवस्था दुरुस्त होगी तो दुर्घटनाएं नहीं होंगी. जिला कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में पीड़िता ने कहा है कि उसकी बेटी की मौत के मामले पर प्रशासन के जिम्मेदारों पर मामला दर्ज किया जाना चाहिए.