बैतूल। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश को गौरवान्वित करने वाली बैतूल की करातेबाज बेटी प्रियंका चोपड़े को ब्राजील और चीन के खिलाड़ी को हराने पर गोल्ड मैडल तो मिला लेकिन, अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी का सर्टिफिकेट और सुविधा दो साल बाद भी नहीं मिल सकी है. सरकार और प्रशासन की दर पर दस्तक देने के बावजूद कोई ठोस जवाब नहीं मिलने पर दुखी इस बेटी ने अब मुख्यमंत्री कमलनाथ को उनके जन्मदिन पर ये मैडल भेंट करने का मन बना लिया है.
खिलाड़ी के मैडल किस काम के प्रदेश की बेटी का साफ कहना है कि खेल को लेकर मिले ये मैडल कोई सुविधा नहीं दिला सकते तो इन्हें सरकार को ही वापस कर देना ही ठीक होगा.
अंतरराष्ट्रीय स्कूल स्पोर्ट्स फेडरेशन आगरा में वर्ष 2017 में अंतरराष्ट्रीय कराते स्कूल गेम के आयोजन में प्रियंका ने चीन और ब्राज़ील की खिलाड़ी को हराकर गोल्ड मैडल हासिल किया था, लेकिन सरकार की तरफ से मिलने वाली राशि तो छोड़िए उसे अब तक अंतरराष्ट्रीय स्तर का सर्टिफिकेट तक उपलब्ध नहीं हो सका है. यही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मैच खेलने के लिए उसे खुद ही राशि खर्च करनी पड़ी, जो करीब 60 हजार रुपए थी.
प्रियंका का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन का सर्टिफिकेट अब तक नहीं मिलने से उसे ना तो खेल सुविधाओं का लाभ मिल पा रहा है और ना ही उसे मध्यप्रदेश की कराते एकेडमी में एडमिशन दिया जा रहा है. नेशनल व इंटरनेशनल स्तर पर खेल पर मिलने वाली स्कॉलर का आवेदन करने पर भी नहीं मिल पा रही है. इसी के चलते प्रियंका अब मिले हुए मैडल मुख्यमंत्री को भेंट करने के बाद कराते को ही अलविदा कह देगी.
प्रियंका के पिता ओमकार चोपड़े का कहना है कि सर्टिफिकेट नहीं मिलने से सब कुछ अटक रहा है हर जगह उससे सर्टिफिकेट की मांग की जा रही है. वहीं विभाग का कहना है की इस मामले की जानकारी उन्हें लगी है उनके द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को बताया गया है. आगे जो भी कार्रवाई होगी वह वरिष्ठ अधकारियों के मार्गदर्शन में की जाएगी.