बैतूल।इंसान कभी -कभी मजबूरी में गलत रास्ता अपना लेता है. जिसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ता है. ऐसे ही सारनी में एक युवक ने लूट की झूठी कहानी गढ़ी. सारनी टीआई रत्नाकर हिंगवे ने बताया कि 25 मई 2022 को फरियादी राजेश पिता रतनलाल खातरकर ने बिजली बिल का पेमेंट एसबीआई में जमा करने के लिये जाते समय दो अज्ञात व्यक्तियों द्वारा नकदी 81,265 रुपये लूट लिए गए. युवक की रिपोर्ट पर धारा 392 भादंवि के तहत अपराध कायम कर विवेचना में लिया गया. मामले के खुलासे के लिए विशेष टीम गठित की गई. टीम द्वारा फरियादी से बारीकी से पूछताछ की गई. घटनास्थल का रिवीजन कराया गया. मौके पर रुपयों की फेंकी हुई थैली मिली. फरियादी व आरोपी राजेश खातरकर द्वारा अपनी शर्ट पर व निशान बताए गए, उसका अवलोकन किया गया. उक्त सभी भौतिक साक्ष्य को समक्ष रखकर फरियादी खातरकर से बारीकी से पूछताछ की गई.
कटी शर्ट से हुआ खुलासा :पुलिस को संदेह इस बात से हुआ कि उसका शर्ट तो कटर से कटी थी. लेकिन बनियान नहीं कटी थी. इसके बाद उससे गहन पूछताछ की गई. इसके बाद आरोपी ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया. उसके बाद आरोपी से लूटी गई भी राशि बरामद हो गई. आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसको कंपनी में केवल 8000 रुपये मिलते हैं. जिसके एवज में उससे 12 घंटे काम लिया जाता है. घर का खर्चा 8000 में नहीं चल पाता है. इसलिए वह हर दिन जमा होने वाले बिजली के बिल मे से कुछ पैसे निकालकर किराना व अन्य आवश्यक घरेलू संसाधन ले लेता था.
आरोपी बोला- घर का खर्च पूरा नहीं हो पाता :शाम 7 बजे तक जो राशि एकत्रित होती थी, उसका हिसाब निकाल लेता था. उसमें से कुछ पैसे अपने खर्च के लिए निकाल लेता था. इसके बाद दूसरे दिन 11 बजे तक जो पैसा एकत्रित होता था, उसमें से पहले दिन के पैसे में जो कमी पड़ रही है, उसमें मिला देता था व बैंक में जमा कर देता था. 24 मई 2022 को कुल बिजली बिल 81265 जमा हुआ था परंतु दूसरे दिन 11 बजे तक फरियादी के पास केवल 61265 रूपये ही हो पाए थे. पूरे 20000 रुपये की कमी होने से आरोपी ने लूट की झूठी कहानी बनाई.
पुलिस ने पूछताछ के बाद किया खुलासा :इसके बाद वह अपनी शर्ट पर कटर से निशान बनाकर थाने रिपोर्ट करने आया. लूट का पर्दाफाश करने में अहम भूमिका निरीक्षक रत्नाकर हिंगवे थाना प्रभारी सारनी, निरीक्षक एआर खान थाना प्रभारी चोपना, उपनिरीक्षक अलका राय, जीआर सल्लाम, सहायक उप निरीक्षक रामेश्वर सिंह, कमल सिंह ठाकुर, प्रधान आरक्षक शैलेन्द्र सिंह, देवेन्द्र प्रजापति, आरक्षक अजय, राहुल, शुभांशु, दुर्गेश ठाकुर की अहम भूमिका रही.