बैतूल। जिले के मजदूरों से कर्नाटक में बंधक बनाकर मजदूरी कराई जा रही थी. जिला प्रशासन और पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 9 मजदूरों को मुक्त कराया है. दरअसल जिले के मजदूरों को अधिक दाम देने का झांसा देकर महाराष्ट्र में काम कराने की बात कहकर कर्नाटक ले जाया गया, जहां उन्हें बंधक बना लिया गया था. अपने घर नहीं लौट पा रहे मजदूरों के स्वजनों ने इसकी सूचना जन साहस संस्था, जिला प्रशासन और पुलिस को दी. संयुक्त प्रयास से टीम बनाकर महाराष्ट्र के सोलापुर भेजी गई. टीम को वहां पहुंचकर पता चला कि मजदूर तो कर्नाटक के किसी क्षेत्र में हैं. इसके बाद कर्नाटक में स्थानीय प्रशासन से बैतूल प्रशासन द्वारा समन्वय बनाकर नौ मजदूरों को सारी औपचारिकताएं पूर्ण करने के बाद वापस बैतूल लाया गया.
बंधक बनाकर कर्नाटक में कराई जा रही थी मजदूरी, 9 मजदूरों को कराया मुक्त, वापस आने पर सुनाई प्रताड़ना की दास्तां
कर्नाटक में बंधक बनाए गए बैतूल के 9 मजदूरों को जिला प्रशासन और पुलिस ने मुक्त करा लिया है. सभी मजदूर सकुशल वापस अपने घर भी पहुंच गए हैं. मजदूरों के परिजनों ने शिकायत करते हुए बताया था कि मजदूरी करने महाराष्ट्र गए उनके परिवार के सदस्य अब तक वापस नहीं लौटे हैं. जांच में पता चला कि मजदूरों को महाराष्ट्र नहीं बल्कि कर्नाटक ले जाया गया था.
मजदूरी की सकुशल वापसी: श्रम विभाग के निरीक्षक चंद्रप्रकाश बंसोड़ ने बताया कि मोहदा थाना क्षेत्र के पास मारकंडी गांव के रहने वाले नौ मजदूरों को सोलापुर में बंधक बनाए जाने की सूचना प्राप्त हुई थी. जिस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस और एसपी सिद्धार्थ चौधरी के निर्देश पर टीम का गठन किया गया. जिसमें महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस प्रशासन, जन साहस संस्था और अन्य को शामिल कर सोलापुर भेजा. यहां से सूचना मिलने के बाद कर्नाटक पहुंचकर मजदूरों को सकुशल घर लाया गया है.
मजदूरों के साथ मारपीट और छेड़छाड़: वापस लाए गए मजदूरों में गोपाल, फूलवती, कमलेश, लुलीबाई, कलावती, छोटू, दीपक, जयवंती और विमला शामिल हैं. मजदूरों ने बताया कि ''उनसे पहले तो सोलापुर में गन्ने की कटाई का काम कराया गया. इसके बाद कर्नाटक पहुंचा दिया गया जहां एक गोदाम में बंद कर दिया जाता था. मजदूरी भी ठेकेदार के द्वारा ले ली जाती थी.'' मजदूरों ने मारपीट करने और छेड़छाड़ की भी जानकारी पुलिस को दी है. पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है.