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पुलिस ने सिकलीगर को पीटा, घटना का वीडियो वायरल, ASI और हेड कांस्टेबल हुए सस्पेंड - Sikligar assault case

बड़वानी के पलसूद थाना क्षेत्र में एक सिकलीगर ने पुलिस पर मारपीट के आरोप लगाए हैं. घटना के एक वीडियो भी सामने आया है. जिसके बाद घटना का भारी विरोध हो रहा है. वहीं कैबिनेट मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने भी इस घटना की निंदा की है.

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पुलिस ने सिकलीगर को पीटा

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Published : Aug 7, 2020, 5:57 PM IST

Updated : Aug 7, 2020, 8:21 PM IST

बड़वानी। जिले में चालानी कार्रवाई के नाम पर पलसूद पुलिस की गुंडागर्दी सामने आई है. गुरुवार शाम को चाबी बनाने वाले सिकलीगर को पलसूद पुलिस ने बेरहमी से पीट दिया. जिसका वीडियो वायरल हो रहा है. जानाकारी के मुताबिक पुलिस और ताल-चाबी बनाने वाले सिकलीगर के बीच दुकान बंद करने को लेकर गहमागहमी हो गई. सिलकीगर ने आरोप है कि वो दुकान खोलकर बैठा था, तभी महिला सब इंस्पेक्टर व पुलिसकर्मी आए और पैसों की मांग करने लगे. जब उसने पैसे देने से मनाकर दिया तो जबरन दुकान बंद करने की कोशिश की और उससे मारपीट भी की. घटना के बाद सिकलीगरों ने पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की है. उनका आरोप है कि पुलिस ने उनकी पगड़ी और केश को पकड़कर उनकी धार्मिक चिन्हों का अपमान किया है.

ट्वीट

आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर बताया कि बड़वानी में ASI सीताराम भटनागर और हेड कॉन्टेबल मोहन जामरे को सिख बन्धुओं के साथ किये गए अमानवीय व्यवहार के लिए तुरंत निलंबित किया गया है. सिखों के साथ ऐसी बर्बरता किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी. मामले की जांच इंदौर आईजी द्वारा कराई जाएगी और इनके विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी.

पुलिस ने सिकलीगर को पीटा

पुलिस का पक्ष

वहीं पुलिस अधीक्षक निमिष अग्रवाल ने इस बारे में दूसरी बात कही है. उनका कहना है कि पलसूद में पुलिस चेकिंग के दौरान दो युवक सवारों को रोका गया था. उनमें से एक शराब पिए हुए था. जिसके बाद वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उससे थाना चलने के लिए कहा, लेकिन उसने हंगामा शुरू कर दिया. जिस सिकलीगर ने ये आरोप लगाए हैं उस पर पहले से कई चोरी के मामले भी दर्ज हैं.

कौन हैं सिकलीगर

सिख समुदाय से आने वाले सिकलीगर हथियार बनाने में माहिर माने जाते हैं. ये उनका खानदानी पेशा है. ये लोग प्रदेश से निमाड़ इलाके में बसे हुए हैं. सिकलीगरों का इतिहास गौरवपूर्ण रहा है. ये लोग दशम गुरु गोविंद सिंह जी की सेना के लिए हथियारों का निर्माण करते थे. इनके ढाले गए हथियारों के कारण ही सिख सेना अजेय मानी जाती थी. ये लोग उस जमाने में तीर-तलवार-ढाल बनाने में माहिर हुआ करते थे. लेकिन समय बीतने के साथ यह लोग बंदूकें और पिस्तौलें भी बनाने लगे. हथियार बनाना इनका खानदानी पेशा है. लेकिन अंग्रेजी शासन काल से चले आ रहे वर्तमान आर्म्स एक्ट के मुताबिक इनका हुनर अब आपराधिक माना जाने लगा है. लिहाजा इस समाज के ज्यादातर लोगों ने ये धंधा छोड़कर दूसरे कार्य करना शुरू किया है.

Last Updated : Aug 7, 2020, 8:21 PM IST

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