बालाघाट। शासन ने जनता की समस्या का त्वरित निराकरण के लिए प्रत्येक मंगलवार कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई शिविर का आयोजन करती है. जनता अपनी समस्या लेकर जनसुनवाई में प्रत्येक मंगलवार आते हैं, लेकिन उनकी समस्या की सुनवाई नहीं होती. समस्या के निराकरण के लिए कई बार कलेक्ट्रेट का चक्कर काटकर थक जाते हैं, लेकिन समस्या जस की तस रहती है.
जनसुनवाई में नहीं हो रही जनता की सुनवाई, परेशान हो रहे लोग
जनसुनवाई में जनता की समस्या का निराकरण नहीं हो रहा है, जिससे लोग परेशान हो रहे हैं और कलेक्ट्रेट के चक्कर लगाने को मजबूर हैं.
आदिवासी बहुल बालाघाट जिले में जनता अपनी समस्या के निराकरण के लिए कलेक्ट्रेट का चक्कर काटने को मजबूर है. सैकड़ों किलोमीटर दूर आदिवासी वनांचल से प्रत्येक मंगलवार को आयोजित जनसुनवाई में अपनी समस्या लेकर अधिकारी के समक्ष उपस्थित होते हैं, लेकिन हर बार आवेदन पर आवेदन देने के बाद भी समस्या का निराकरण नहीं होता है.
कलेक्ट्रेट में आयोजित जनसुनवाई में वारासिवनी तहसील के रहने वाले टीका राम पेशे से किसान हैं. प्रधानमंत्री सम्मान निधि का लाभ नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि सचिव द्वारा इनका नाम रजिस्ट्रेशन नहीं किया है. समस्या के निराकरण के लिए चार बार जनसुनवाई में आ चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है. वहीं वारासिवनी से दर्जनों लोग प्रधानमंत्री आवास की शिकायत लेकर जनसुनवाई में आये थे. वह सब 1 साल से परेशान हैं, लेकिन उनकी आवास योजना का किस्त नहीं आ रही है.