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शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिये कलेक्टर की पहल, ऑडियो-वीडियो के जरिये पढ़ रहे छात्र

बालाघाट जिले में ऑडियो विडियो के माध्यम से एलईडी टीवी के द्वारा बच्चों को स्कूलों में उन विषयों को पढा़या जायेगा जिन विषयों के शिक्षक शाला में नहीं हैं.

एलईडी टीवी से पढ़ते बच्चे

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Published : Jul 14, 2019, 6:39 AM IST

बालाघाट। कलेक्टर दीपक आर्य ने जिले में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिये अनोखा प्रयोग शुरु किया है. शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिये ऑडियो विडियो के माध्यम से एलईडी टीवी के द्वारा बच्चों को स्कूलों में उन विषयों को पढा़या जायेगा जिन विषयों के शिक्षक शाला में नहीं हैं.
बालाघाट जिले के 256 हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में नवाचार करते हुए आडियो व वीडियो के माध्यम से एलईडी में पढ़ाई कराने की व्यवस्था की गई है. कलेक्टर दीपक आर्य की इस पहल के चलते इस सत्र में पढ़ाई भी शुरू हो गई है. इससे स्कूल में नवाचार बच्चों को भी पढ़ाई बहुत रोचक लगने लगी हैं.

शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिये कलेक्टर की पहल

शिक्षकों की कमी से पढ़ाई प्रभावित
आदिवासी बाहुल्य जिले बालाघाट में बच्चों को शिक्षा देने के लिये सराकर द्वारा दूरस्थ वनांचलों में भी स्कूल खोले गये हैं लेकिन यह देखा गया है कि दुर्गम क्षेत्र होने के कारण स्कूलों में विषय विशेषज्ञ शिक्षकों और अतिथि शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है. हाई स्कूल व हायर सेकंडरी में बच्चों को गणित, रसायन, भौतिकी और अंग्रेजी की पढ़ाई में दिक्कतें आती हैं. इस समस्या का हल निकालते हुये कलेक्टर ने यह पहल की और 256 हाईस्कूल व हायर सेकंडरी स्कूल में एलईडी के माध्यम से आडियो-वीडियों में पढ़ाई कराने की व्यवस्था शुरू की है.

पहल से खुश हैं विद्यार्थी
अब स्कूलों में नामी कोचिंग संस्थानों के ऑनलाईन वीडियो भी बच्चों को दिखाये जा रहे हैं. जिले में भी कुछ अच्छे विषय विशेषज्ञ शिक्षकों के वीडियो तैयार किये गये हैं, इसका एक लाभ यह हो रहा है कि अब विषय के शिक्षक नहीं होने पर भी बच्चों की पढ़ाई में बाधा नहीं आ रही है. छात्रों ने इस पहल के लिये कलेक्टर को धन्यवाद किया है वहीं वे इस तरह पढ़ाई कर काफी खुश भी हैं.

संभाग कमिश्नर ने की समीक्षा
बालाघाट में प्रारंभ हुये इस नवाचार को देखने के लिये बालाघाट प्रवास पर पहुंचे जबलपुर संभाग कमिश्नर राजेश बहुगुणा भी स्कूल पहुंचें और बच्चों के बीच बैठकर नई तकनीकी से हो रही पढ़ाई का अवलोकन किया साथ ही इस पहल के बारे में बच्चों से चर्चा कर समीक्षा भी की. कमिश्नर बहुगुणा ने कहा कि स्कूलों में शिक्षकों की कमी व अतिथि शिक्षकों की कमी को देखते हुये यह अनोखी पहल की गई हैं, जिसका बच्चों को लाभ मिलना चाहिए. लेकिन यह तब दिखेगा जब उनके परिणाम आयेगें. हालांकि, यह सब उनके स्कूल के शिक्षकों पर भी निर्भर रहेगा.

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