अशोकनगर। विश्व मलेरिया दिवस पर हम आपको बताने जा रहे हैं अशोकनगर में पदस्थ मलेरिया अधिकारी दीपा गंगेले के बारे में, जिन्होंने 3 साल पहले जिले में मलेरिया से लोगों को बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया था. उसका नतीजा ये निकला कि इस साल जिले में मलेरिया के केवल 5 मरीज ही मिले हैं.
विश्व मलेरिया दिवस: जागरूकता अभियान का नतीजा, अब तक मिले सिर्फ 5 मरीज
अशोकनगर में पदस्थ मलेरिया अधिकारी दीपा गंगेले के प्रयासों के चलते मलेरिया के मरीजों में भारी गिरावट आई है. पिछले तीन सालों में ये संख्या घटकर 5 मरीजों तक रह गई है.
जिले में मलेरिया का ग्राफ लगातार गिरता जा रहा है. मलेरिया विभाग के आंकड़ों की बात करें, तो 2014 में 989 मलेरिया के मरीज दर्ज किए गए थे, जो 2015 में घटकर 223 हो गए थे. 2016 में 1 हजार 175 मरीज मलेरिया पॉजिटिव मिले. लेकिन इसके बाद लगातार गिरावट आती गई और इस साल अभी तक मलेरिया के सिर्फ 5 मरीज ही दर्ज किए गए हैं.
दीपा गंगेले ने बताया कि 3 साल पहले विभाग में कम स्टाफ था, इसलिए नगर पालिका के कर्मचारियों को प्रशिक्षित कर एक टीम बनाई गई, जो लगातार गांव और शहरों में सर्वे करते हैं. गांव-गांव में जाकर लोगों को जागरूक करने के लिए कई जागरूकता रैली निकाली गई. मलेरिया की रोकथाम के लिए लोगों को तरीके सिखाए गए. ग्रामीण क्षेत्रों में मच्छरदानी अभी लोगों को वितरित की जा रही है. साथ ही उन्हें मलेरिया से बचाव के तरीके भी बताए जा रहे हैं, इसलिए आंकड़ों में गिरावट आ सकी है.