अशोकनगर। नए शिक्षण सत्र में बच्चों को जॉयफुल लर्निंग कराने के लिए 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक विशेष व्यवस्था की गई है. शिक्षण सत्र के पहले दिन ब्लॉक के कई स्कूलों में बच्चे तो समय पर पहुंचे, लेकिन शिक्षकों ने स्कूल पहुंचने की जहमत नहीं उठाई, जिसके कारण बच्चों को स्कूल के पहले दिन ही वापस लौटना पड़ा. कई स्कूलों में लगे ताले शिक्षकों की लापरवाही को दिखा रहे थे.
शिक्षण सत्र के पहले दिन ही दिखी लापरवाही, जॉयफुल लर्निंग के लिए बच्चे तो पहुंचे लेकिन शिक्षक रहे नदारद
पढ़ाई के प्रति बच्चों का रुझान बढ़ाने के लिये नये शिक्षण सत्र में 1 अप्रैल को बच्चों को जॉयफुल लर्निंग कराई गई, लेकिन ग्रामीण इलाकों में कुछ स्कूलों में शिक्षक समय पर नहीं पहुंचे, तो कुछ स्कूलों में ताला लगा मिला. बता दें कि 1 से 30 अप्रैल तक जॉयफुल लर्निंग की व्यवस्था की गई है.
जॉयफुल लर्निंग कार्यक्रम के बारे में जब जिला शिक्षा अधिकारी से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि कार्यक्रम सफल रहा है. बच्चों को पहले दिन स्कूल में तिलक लगाकर उनका स्वागत किया और कई तरह की एक्टिविटी कराई गई, ताकि बच्चों का पढ़ाई के प्रति रुझान बढ़ सके. कुछ जगहों से शिक्षकों की लापरवाही की शिकायतें आई हैं, जिन पर कार्रवाई की जाएगी.
खेराभान प्राथमिक विद्यालय में 1 अप्रैल को 9 बजकर 41 मिनट पर ताला लटका मिला. जिसके बाद एपीसी को वीडियो कॉल कर शाला की स्थिति दिखाई गई. खिरिया महु, श्यामपुर प्राथमिक स्कूल पर भी ताला लगा मिला. गौरतलब है कि 1 से 30 अप्रैल तक अलग-अलग तरह की 30 एक्टिविटी में बच्चों को शामिल किया जायेगा, जिससे पढ़ाई के प्रति उनका रूझान बढ़े. इसे लेकर राज्य शासन की ओर से शाला प्रबंधकों के खाते में एक हजार रुपए की राशि खेल सामग्री खरीदने के लिए दी गई है, बावजूद इसके कई स्कूलों में किसी भी तरह की सामग्री नहीं खरीदी गई.