अशोकनगर। आपने बहुस से प्राइवेट स्कूलों में अक्सर साफ-सफाई देखी होगी. लेकिन जिला मुख्यालय से 17 किलोमीटर दूर अथाई खेड़ा गांव में साफ सफाई का कुछ अलग ही माहौल है. स्कूल के बच्चे और शिक्षक स्कूल परिसर में साफ-सफाई करते हैं. छात्र स्कूल परिसर के अलावा माध्यमिक और प्राथमिक स्कूल के परिसर को भी साफ रखने में पूरा सहयोग करते है, ताकि छोटी क्लासों में पढ़ने वाले बच्चे भी स्वच्छता को लेकर जागरूक रहें.
अशोकनगर का एक ऐसा स्कूल, जहां छात्र खुद सफाई कर दूसरों को दे रहे है संदेश - spreading awareness about cleanliness
अथाई खेड़ा गांव के हाई स्कूल में साफ सफाई का कुछ अलग ही माहौल है. यहां बच्चे और शिक्षक प्रतिदिन परिसर में साफ-सफाई करते हैं.
अथाई खेड़ा सरकारी हाई स्कूल के छात्र शिक्षा के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान के सपने को भी भली-भांति पूरा कर रहे हैं. बच्चों का कहना है कि स्कूल को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है इसीलिए मंदिर में या मंदिर के आसपास गंदगी नहीं होना चाहिए. जब हम स्कूल में पढ़ने के लिए आए थे, तो स्कूल के चारों ओर खरपतवार लगी हुई थी. लेकिन हमारे शिक्षक सुनील कुमार जैन की प्रेरणा के बाद हम लोग लगातार परिसर की स्वच्छता पर विशेष ध्यान देते हैं.
बच्चों के मुताबिक जब वो साफ सफाई के प्रति जागरूक होंगे तभी सभी को साफ सफाई के लिए प्रेरित कर सकते हैं. छोटी क्लासों में पढ़ने वाले बच्चे भी हम लोगों की साफ-सफाई को देखते हैं, और उसमें सहयोग भी करते हैं.धीरे-धीरे गांव के लोग भी अपने घरों के बाहर अक्सर सफाई रखने लगे. इसी तरह से स्कूल, गांव, जिला और प्रदेश को स्वच्छ रखने के लिए जागरूकता की आवश्यकता है.