अनूपपुर। सोच अच्छी थी लेकिन शायद बहुतों की नीयत सही नहीं थी. तभी तो करोड़ों की लागत से जिन उद्योगों को स्थापित कराने का सब्जबाग दिखाया गया था वो अब तक बाट खोज रहा है.
प्रशासनिक उदासीनता ने लोगों की उम्मीदों को इस कदर तोड़ा कि आज की तारीख में युवा रोजगार के लिए पलायन को मजबूर हो गया है. कहानी मध्य प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल सिंह के विधानसभा क्षेत्र अनूपपूर अंतर्गत जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दूर कदम टोला की है.
तो मामला कुछ ये है कि नेशनल हाईवे 43 के बगल की ही भूमि उद्योग स्थापित करने के लिए आवंटित की गई. इसे औद्योगिक क्षेत्र का नाम दिया गया. 2016 में भाजपा सरकार के तत्कालीन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लगभग 9 करोड़ की लागत से औद्योगिक विकास क्षेत्र के विकास की आधार शिला कदम टोला पर रखी.
इस परियोजना को हरी झंडी दिखाने का मुख्य उद्देश्य अनूपपुर जिले के युवाओं की औद्योगिक विकास में भागीदारी सुनिश्चित करना था. उन्हें आत्मनिर्भर बनाना था. लेकिन मजाल है जो एक कदम भी आगे बढ़कर जिम्मेदारों ने अपनी कही पूरी की हो. 5 वर्ष बीत गए हैं लेकिन नतीजा अब तक सिफर ही है.
5 वर्ष बीतने के बाद भी नहीं हुई शुरुआत
बिजली उत्पादन से इसने अपनी एक खास जगह बनाई है. सपना था प्रदेश का ये छोटा सा जिला औद्योगिक क्षेत्र के तौर पर अपनी पुख्ता पहचान बना सके. परंतु 5 वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक यहां पर स्थित 22 हेक्टेयर भूमि पर उद्योग के लिए कुछ खास नहीं हुआ. स्ट्रक्चर तैयार है जिसमें बिजली की भी व्यवस्था हो चुकी है, लेकिन परियोजना को संवारने के लिए उद्योग विभाग द्वारा किसी भी प्रकार का नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है. जिसके कारण सडक़, बिजली सहित अन्य संसाधनों की उपलब्धता के बाद भी औद्योगिक एरिया से किसी प्रकार की ईकाइयां स्थापित नहीं हो सकी है.
सत्ता बदलाव के बाद भी रहा अछूता
मध्यप्रदेश में 2018 चुनाव के बाद उम्मीद कांग्रेस नीत सरकार से थी. उम्मीद थी कि अब जिले का विकास होगा. लेकिन वो हो न सका. सत्ता परिवर्तन के बाद वर्तमान समय में भाजपा सरकार सत्ता पर काबिज है, ये परियोजना अब भी सिस्टम की खूंटी पर लटकी हुई है.
पूर्व में हुई थी नीलामी
जिले के कदम टोला स्थित पर 22 हेक्टेयर में प्रस्तावित 110 भूखंड है. सूत्र बताते हैं कि 44 भूखंड की नीलामी कराई गई थी. कार्य में लेट लतीफी इतनी हुई कि नीलामी प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद भी उद्यमियों को औद्योगिक केंद्र के विकास का इंतजार करना पड़ा. सो, औद्योगिक क्षेत्र में कंपनियां नहीं आ पाई लिहाजा नए सिरे से अब पुनः नीलामी की प्रक्रिया कहने की बात की जा रही है
रोजगार के लिए जिले के युवा हो रहे पलायन
अनूपपुर में औद्योगिक विकास की गति इतनी सुस्त रही है कि पहले भी पलायन होता रहा है लेकिन अब इसमें गति आ गई है. जिले में बेरोजगारी के आंकड़े की बात करें तो- वर्तमान समय में (जिला रोजगार कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार) , 30 जून 2021 तक बेरोजगार की संख्या डराने वाली है. जो कुछ यूं हैं-