अनूपपुर।कोरोना महामारी के दौर में लगातार कोरोना वॉरियर्स मोर्चा संभाले हुए हैं. पहले दिन से अभी तक बिना अपनी जान की फिक्र किए यह स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे हैं. अनूपपुर के छुलहा उप स्वास्थ्य केन्द्र के कोविड आइसोलेशन वार्ड में कार्यरत एक महिला अधिकारी दिन-रात मरीजों की सेवा कर रही हैं. 34 वर्षीय सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी कविता राठौर अपने पिता को खोने के बाद भी आज स्वास्थ्य सेवाएं दे रही हैं. सवा साल से उन्होंने अवकाश तक नहीं लिया है.
पिता की मौत के बाद तुरंत काम पर लौटीं
कोविड आइसोलेशन वॉर्ड में भर्ती गंभीर मरीजों का कविता लगातार इलाज कर रही हैं. इस चुनौती काल में उनके सामने एक पल वह भी आया, जब उनके पिता कोरोना संक्रमित हो गए. इलाज के लिए उनके पिता को उसी कोविड आइसोलेशन वॉर्ड में भर्ती किया गया, जहां कविता कार्यरत हैं. दूसरे मरीजों के साथ-साथ उन्होंने अपने पिता की भी भरपूर सेवा की. मगर वह बच ना सके. पिता की मौत का गम आंसुओं के सैलाब के रूप में फूट पड़ा. पारिवारिक दायित्व निभाने उन्हें पिता के अंतिम संस्कार में जाना पड़ा. किन्तु वहां उनका मन यह सोचकर व्याकुल हो उठा कि कहीं उनके पिता की तरह किसी अन्य मरीज के साथ ऐसा ना हो जाए. इसी के चलते वह पिता के अंतिम संस्कार के बाद घर पर रुक नहीं सकीं और सीधे काम पर लौट आईं.
घर नहीं जाती हैं कविता