आगर मालवा। भारत सरकार द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत को ई-पंचायत बनाने के लिए भारत नेट योजना जैसी एक महत्वाकांक्षी योजना आरंभ की गई है, जिस पर करोड़ों रुपए का बजट भी रखा गया, लेकिन धरातल पर समुचित मॉनिटरिंग ना होने से यह योजना प्रथम चरण में ही लड़खड़ाती हुई दिखाई दे रही है. जिले की सभी पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर (optical Fibre) नेटवर्क से जोड़ने के लिए बकायदा केबल बिछाई जा चुकी है, लेकिन पंचायतों को ई-पंचायत बनाने के लिए जो सामान भेजा गया है, वह कहीं पर धूल खा रहा है तो कहीं कबाड़ में तब्दील हो चुका है.
बता दें कि फाइबर ऑप्टिकल केबल बिछाने के बाद भी जिले की अधिकांश ग्राम पंचायतों में इंटरनेट सुविधा शुरू नहीं हो पाई है. बड़ोद विकासखंड के ग्राम कुलमडी औप झौंटा में जब इसकी वास्तविक हकीकत देखी गई तो यह योजना लड़खड़ाती हुई नजर आई. करीब 4 साल पहले सरकार ने कंप्यूटर, प्रिंटर, एलईडी टीवी सहित अन्य सामग्री ग्रामीणों की सुविधा के लिए पंचायतों को इंटरनेट से जोड़ने के अभियान के तहत भेजी थी. करीब एक साल पहले गांव तक ऑप्टिकल फाइबर (optical Fibre) तो पहुंच गई लेकिन सरकार इंटरनेट कनेक्शन देना भूल गई. जिसके चलते यह सिस्टम किसी काम का नहीं रहा. ग्रामीणों को उम्मीद जागी थी कि ई-पंचायत बनने के बाद इंटरनेट से जुड़े हुए सभी कार्य गांव में ही आसानी से हो जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया.