आगर मालवा। आगर जिले के कुछ ग्रामों में सोयाबीन फसल में तनामक्खी का प्रकोप बढ़ रहा है. जिसके कारण सोयाबीन फसल पीली होकर सूखने लगी है. ऐसे में किसानों की फसल को ज्यादा नुकसान न हो, इसके लिए गुरुवार को कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों की फसलों का अवलोकन किया.
कृषि अधिकारियों ने सोयाबीन फसल का किया अवलोकन, किसानों को दी ये सलाह - सोयाबीन फसल में तनामक्खी का खतरा
आगर जिले के ग्रामों में सोयाबीन फसल में तनामक्खी का खतरा बढ़ रहा है, जिसको देखते हुए कृषि विभाग के अधिकारियों ने गुरुवार को फसलों का अवलोकन किया और किसानों को कीट से छुटकारा पाने के उपाय बताए.
कृषि विभाग उपसंचालक आरपी कनेरिया, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. आरपीएस शक्तावत, हेमराज सिंह तोमर सहित अन्य अधिकारियों ने विकास खण्ड आगर के ग्राम आमला, महुडिया, मोयाखेड़ा और विकास खण्ड बड़ौद के बर्डा बरखेड़ा, मंगवालिया आदि गांवों का भ्रमण कर फसलों का जायजा लिया. इस दौरान सोयाबीन फसल में तनामक्खी का प्रकोप बढ़ा हुआ पाया गया है.
तनामक्खी की रोकथाम के लिए किसानों को लेमड़ा सायहेलोथ्रीन 9.5 प्रतिशत, थायमिथाक्साम 12.6 प्रतिशत 125 मिली प्रति हेक्टेयर अथवा लेमड़ा सायहेलोथ्रीन 4.9 एस.सी. 300 मिली. प्रति हेक्टेयर दवा 500 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव कर इस कीट को नियंत्रित करने की सलाह दी गई है, साथ ही जिले के सभी किसानों को अपने खेतों की सोयाबीन फसल में तनामक्खी कीट का प्रकोप होने पर उपरोक्त कीटनाशक का छिड़काव करने की सलाह दी है.