आगर-क्या प्रदेश सरकार या उसके जिम्मेदार अधिकारी किसी इंसान की हैसियत देखकर उसको सम्मान देते हैं या फिर सरकार खुद भेदभाव करती है ऐसा हम नहीं, तस्वीरे बयां कर रही हैं, ये तस्वीरें आगर मालवा जिले की हैं, जहां पर छात्रों और मजदूरों के बीच भेदभाव किया गया है.
प्रशासन लोगों में कर रहा भेदभाव, किसी को कुर्सी तो किसी को जमीन पर करा रहा भोजन
कोरोना संकट के बीच दूसरे राज्यों में फंसे लोगों को राज्य सरकार अपने घर ला रही है इसी बीच प्रशासन इनमें भेदभाव कर रहे हैं. मजदूरों छात्रों को देने वाले भोजन में अंतर तस्वीरों में दिखाई दे रहा है.
पहली तस्वीर है 22 अप्रैल की जब राजस्थान के कोटा शहर में पढ़ने वाले प्रदेश के 9 जिलों के 150 के लगभग छात्र राजस्थान से प्रदेश सरकार द्वारा वापस लाते समय चंवली सीमा पर बने इंट्री पाईंट पर रूकते हैं प्रशासन के सभी जिम्मैदार अधिकारी इन छात्रों को रिसीव करने के लिए बार्डर पर पहुंचते है, यहां पर प्रशासन उन्हें वीआईपी ट्रीटमेंट देता है और कुर्सियों पर बैठाकर नाश्ता करवाता है, छात्रों को कुर्सियों पर सोशल डिस्टेसिंग के हिसाब से बैठाया भी जाता है.
दूसरी तस्वीर 28 अप्रैल मंगलवार की है जब प्रदेश सरकार के द्वारा राजस्थान के विभिन्न शहरों में काम करने वाले मजदूरों को वापस लेकर मध्यप्रदेश आती है, चंवली सीमा पर बने इंट्री पाईंट पर प्रशासन के सभी जिम्मेदार अधिकारी इन मजदूरों को रिसीव करने तो पहुंचते है, लेकिन इन मजदूरों को जमीन पर बैठाकर टेंट के नीचे प्लास्टिक की पत्तल में भोजन कराया जाता है और भोजन भी मजदूरों के हिसाब से ही होता है, इन मजदूरो को भोजन कराने में सोशल डिस्टेसिंग का पालन तक प्रशासन नहीं करता है.