उज्जैन। केंद्रीय जेल भैरवगढ़ में नशे के कारोबार से जुड़ा संगीन मामला सामने आया है. मामले की शिकायत करने कई जेल प्रहरी मंगलवार को जनसुनवाई में कलेक्टर के पास पहुंचे. प्रहरियों ने जेल अधीक्षक उषा राज पर गम्भीर आरोप लगाए और उनपर कार्रवाई की मांग की है.
कलेक्टर को पीड़ा सुनाने पहुंची जेल प्रहरियों की पत्नियां तबादले से बढ़ी परेशानी
कलेक्टर की जनसुनवाई में जेल प्रहरियों की पत्नियां भी साथ पहुंची थी. जेल अधीक्षक पर लगे आरोपों का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि जेल अधीक्षक के गलत काम का समर्थन न करने या इसके खिलाफ आवाज उठाने पर दूसरी जगह या तहसील की जेलों में तबादला कर दिया जाता है. हर दूसरे महीने होने वाले तबादले से बच्चों की पढ़ाई का नुकसान होता है. परिवार भी परेशान होता है. जबकि जेलों में ऐसे भी प्रहरी हैं जो 20 साल से एक ही जगह गृह जिले में पदस्थ हैं.
कलेक्टर को पीड़ा सुनाने पहुंची जेल प्रहरियों की पत्नियां मादक पदार्थ की तस्करी चरम पर
जनसुनवाई में पहुंचे प्रहरियों ने बताया कि, जेल में मादक पदार्थ की तस्करी चरम पर है. हाल ही में नशे के आदी एक कैदी ने प्रहरी पर हमला भी किया था. मामले की शिकायत जेल अधीक्षक से की गई, लेकिन कैदी के विरुद्ध अब तक कोई प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया गया. आवाज उठाने पर तबादला कर दिया गया.
तबादला प्रशासनिक व्यवस्था- जेल अधीक्षक
प्रहरियों के तबादले को जेल अधीक्षक उषा राज ने प्रशासनिक व्यवस्था बताया गया है. उन्होंने कहा बड़नगर तहसील के जेल में कोई सेटअप नहीं है. जेल की व्यवस्था चलाने के लिए उच्च अधिकारियों का आदेश है. जिसके कारण प्रहरियों को उज्जैन जेल से वहां भेजा गया है. प्रहरी द्वारा शिकायत करना बड़ी साजिश है. मुझे बदनाम करने के लिए कलेक्टर के पास शिकायत पहुंचाई गई है.
जेल अधीक्षक ने लगाया प्रहरियों पर आरोप
मादक पदार्थ को लेकर जेल अधीक्षक ने शिकायत करने पहुंचे प्रहरियों पर ही आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा यही लोग तस्करी करते हैं. जेल अधीक्षक का कहना है कि, जेल प्रहरी कैदियों से मारपीट भी करते हैं. जबकि कलेक्टर से हुई शिकायत में प्रहरी ने बताया कि कैदियों द्वारा मारपीट की गई थी. जिसकी आज तक रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई है. अधीक्षक ने कहा बिना परमिशन के यह लोग कलेक्टर के पास शिकायत के लिए पहुंचे हैं. जिसका लिखित जवाब देना होगा. हालांकि पूरे मामले को कलेक्टर आशीष सिंह ने गंभीरता से लिया और प्रहरियों को निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है. कलेक्टर ने एडिशनल एसपी व एडीएम को जेल भेज कर मामले की जांच करने को कहा है.
पहले भी हो चुकी है जेलमें लापरवाही
केंद्रीय जेल भैरवगढ़ में लापरवाही का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी 45 से अधिक कैदियों को पैरोल पर छोड़ने पर कैदियों के परिजनों ने जेल प्रशासन पर 1500 रुपये रिश्वत लेने का आरोप लगाया था. 1 दिसंबर को 25 ग्राम गांजे की पुड़िया पकड़ी गई थी. मामले में 3 सिपाहियों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर सस्पेंड किया गया था. इतना ही नहीं जेल में बंद महाराष्ट्र निवासी एक कैदी साइबर हैकर था. उसने तत्कालीन जेल अधिकारियों पर साइबर क्राइम करवाने की बात को लेकर शिकायत की थी. बाद में कैदी को भोपाल जेल भेज दिया गया.