सागर। गुलाम भारत की पत्रकारिता और समाचार पत्रों का संग्रह आज भी इतिहास की ओर आकर्शित करता है. मध्यप्रदेश के सागर जिले में दामोदर अग्निहोत्री द्वारा अपने जीवन की जमा पूंजी से तैयार किए गए इस संग्रहालय को देखकर आजादी का मूल्य समझ में आता है. संग्रहालय में 1938 के एक समाचार पत्र में बताया गया है कि, अंग्रेजों की शिक्षा नीति किस तरह से भेदभाव पूर्ण थी. भारतीय बच्चों पर सिर्फ पौने नौ आना खर्च किए जाते थे. अंग्रेजी बच्चों पर 32 रुपए से ज्यादा खर्च किया जाता था. इस तरह की रिपोर्टिंग करना गुलाम भारत में काफी मुश्किल काम था. पत्रकारों और पत्रकारिता का दमन करने के लिए अंग्रेज कोई कसर नहीं छोड़ते थे. तरह-तरह की पाबंदियां लगाई जाती थी. पत्रकारों पर दबाव बनाए जाते थे. इसके बावजूद पत्रकारिता और पत्रकारों ने अपना धर्म निभाया. इसी बात से प्रभावित होकर दामोदर अग्निहोत्री ने अपने संग्रह में समाचार पत्रों को विशेष स्थान दिया. Indian Independence Day, Bundeli Musium Sagar, Changemakers
गुलाम भारत की पत्रकारिता से प्रभावित:वैसे तो दामोदर अग्निहोत्री का संग्रहालय बुंदेली कला संस्कृति और जनजीवन के लिए समर्पित है, लेकिन इस संग्रहालय में गुलाम भारत और आजादी के संघर्ष की कहानी के कई दस्तावेज मौजूद हैं. दामोदर अग्निहोत्री गुलाम भारत की पत्रकारिता से खासे प्रभावित हैं. उन्होंने अपने संग्रहालय में 1936 से लेकर अब तक के करीब 1000 समाचार पत्रों का संग्रह किया है. इनका कहना है कि, गणेश शंकर विद्यार्थी और दूसरे महान पत्रकारों के बारे में जब मैंने पढ़ा, तो मैं काफी प्रभावित हुआ. कितनी विपरीत परिस्थितियों में उन्होंने आजादी के लिए पत्रकारिता के माध्यम से अलख जगाई थी. Azadi Ka Amrit Mahotsav, Har Ghar Tiranga Bundeli Musium Sagar
ब्रिटिश कालीन हंटर से होती थी भारतीयों की पिटाई: इस संग्रहालय में एक ब्रिटिश कालीन हंटर भी है, जो चमड़े का बना हुआ है. सागर के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शिव शंकर केसरी और बाबूलाल जैन इस हंटर के बारे में बताते हैं कि इसी तरह के हंटर से अंग्रेज भारतीयों की पिटाई करते थे. अंग्रेजी सैनिक घोड़े पर सवार होकर हंटर लेकर चलते थे. वैसे तो यह अंतर घोड़े के लिए होता था, लेकिन इसका उपयोग घोड़ों पर कम और राह चलते उन भारतीयों पर होता था, जो आजादी के आंदोलन में योगदान देते थे. यह हंटर ब्रिटिश काल में अंग्रेजों की शोषण और आतंक की कहानी कहता है. Azadi Ka Amrit Mahotsav, Har Ghar Tiranga Bundeli Musium Sagar